नरेंद्र मोदी के कटु आलोचक माने जाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बृहस्पतिवार को एक अप्रत्याशित बयान देकर सबको चौका दिया है। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री कट्टरपंथी विचारधारा को छोड़कर सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाइचारे की बात कर रहे हैं, यह अच्छा संकेत है..लोकतंत्र की यही खासियत है कि देश में एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है। दिग्विजय की इस टिप्पणी का भाजपा ने स्वागत किया है।
इंडिया टूडे ग्रुप के दो दिवसीय सम्मेलन एजेंडा आज तक 2013 में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस बात का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारधारा से दूरी बनाकर अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस और संघ यदि कांग्रेस और नेहरू की विचारधारा के करीब आ रहे हैं तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह जोड़ा कि मोदी भारत के लोगों को स्वीकार्य नहीं होंगे और भगवान न करें अगर भाजपा सत्ता में आती है तो उनकी पसंद सुषमा स्वराज होंगी।
कांग्रेस की इस बात को लेकर आलोचना पर कि इसकी बागडोर एक परिवार और कुछ लोगों के हाथ में है, जबकि भाजपा में एक सामान्य कार्यकर्ता भी पार्टी में शीर्ष स्थान पर बैठ सकता है, दिग्विजय ने कहा कि यह सच नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में केरल से आने वाला चरवाहा राष्ट्रपति बन सकता है, तो एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है। मालूम हो कि सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कुछ दिनों पहले कहा था कि एक चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है।
कार्यक्रम में शिरकत कर रही भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी ने हमने नहीं सोचा था कि दिग्विजय सिंह भी ऐसा कहेंगे कि एक चायवाला भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है..मैं खुश हूं कि मोदी जी की प्रशंसा दिग्विजय सिंह भी कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि चाहे कोई अमीर या गरीब के घर में पैदा हुआ हो, लोकतंत्र में कोई भी अछूत नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए मोदी कोई मुद्दा नहीं हैं। देश का बुनियादी स्वभाव सांप्रदायिक सद्भाव के पक्ष में है इसलिए लोग वाजपेयी और स्वराज तो स्वीकार कर सकते हैं, मोदी को नहीं। कांग्रेस महासचिव ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर एजिग्ट पोल को खारिज करते हुए इसे अगले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानने से भी इन्कार कर दिया।