विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी अपनी हिस्सेदारी का 34 फीसदी परोपकार को कामों के लिए दान करेंगे। ये हिस्सेदारी 7.5 अरब डॉलर यानी करीब 52,750 करोड़ रुपए है। ऐसा करके वह भारतीय इतिहास में दान करने करने वाले उदार व्यक्ति बन गए हैं।
विप्रो देश की तीसरी बड़ी आईटी कंपनी है। अजीम प्रेमजी ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ के जरिए परोपकार के काम करते हैं। इसमें वह अब तक 21 अरब डॉलर यानी 1.45 लाख करोड़ रुपए दान दे चुके हैं। दिसंबर 2018 में विप्रो में प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 74.3% थी।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से 5 साल में 150 एनजीओ को फंड मिला है। उनका फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। उनका लक्ष्य पब्लिक स्कूलों के सिस्टम को बेहतर बनाना है। फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ को फंड्स देता है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सक्रिय है।
उनका फाउंडेशन बेंगलुरू में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी भी चलाता है। जल्द ही इस यूनिवर्सिटी को 5 हजार छात्रों और 400 शिक्षकों की क्षमता वाला बनाया जाएगा। इसके बाद उत्तर भारत में भी एक यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है।