सत्ता के सेमीफाइनल में एग्जिट पोल की पोल एक बार फिर खुल गई। विधानसभा चुनाव के बाद टीवी चैनलों व एजेंसियों द्वारा कराए गए सर्वे के नतीजे चारों खाने चित्त रहे। इन सर्वेक्षणों की भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की भविष्यवाणी जरूर सही रही लेकिन आंकडों के सटीक आकलन में एग्जिट पोल पूरी तरह फ्लाप हो गए।
एग्जिट पोल के सर्वे दिल्ली में गेम चेंजर के रूप में उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का सही मूल्यांकन नहीं कर पाए। ये सर्वे मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा की लहर को भी नहीं भांप पाए।
छत्तीसगढ़ में भाजपा-कांग्रेस की कांटे की टक्कर का अंदाजा लगाने में एग्जिट पोल थोड़ा कामयाब रहे। चाणक्य के एग्जिट पोल के नतीजे कहीं-कहीं जरूर हकीकत के करीब रहे। दिल्ली में ‘आप’ का अंडर करंट था। लेकिन मीडिया और चुनावी सर्वेक्षण कराने वाली तमाम एजेंसियां इसका सही आकलन नहीं कर पाईं। टाइम्स नाउ-सी वोटर, और एबीपी-एजी नेल्सन ने अपने सर्वे में आम आदमी पार्टी को 15-15 सीटें दी थीं।
इंडिया टुडे-ओआरजी ने तो अपने सर्वे में कहा था कि ‘आप’ को केवल 6 सीटें मिल रही हैं। लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिलीं। चाणक्य ने जरूर ‘आप’ के 33 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की थी।
जाहिर है ये सारे सर्वे दिल्ली में आप का एकदम सटीक आकलन करने में नाकाम रहे। दिल्ली में केवल चाणक्य ने कांग्रेस को 10 सीटें दी थीं। बाकी सब कांग्रेस को कम से कम 20 सीटें मिलने की भविष्यवाणी कर रहे थे।
मध्यप्रदेश में कोई भी सर्वे एजेंसी भाजपा को 138 सीटों से अधिक सीटें नहीं दे रही थी। आईबीएन-7-सीएसडीसी के सर्वे ने जरूर भाजपा को 136 से 146 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी। लेकिन शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा को 165 सीटें मिलीं। चाणक्य ने अपने सर्वे में भाजपा को 161 और कांग्रेस को 62 सीटें दी थीं। जो लगभग सही बैठीं।
बाकी सर्वे एजेंसियां मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 80 से ऊपर सीटें दे रही थीं जबकि मप्र में कांग्रेस 58 सीटों पर सिमट गई। इसी तरह राजस्थान में भी भाजपा का आकलन करने में सर्वे नाकाम रहे। टाइम्स नाउ-सी वोटर ने राजस्थान में भाजपा 130 और इंडिया टुडे-ओआरजी ने 110 सीटें दी थीं। जबकि राजस्थान में भी वसुंधरा ने 162 सीटें लाकर रण जीत लिया। चाणक्य ने भाजपा को सर्वाधिक 147 सीटें दी थीं। राजस्थान में सभी एग्जिट पोल कांग्रेस को 50 के आसपास सीटें दे रहे थे जबकि वह 21 सीटें ही जीत सकी।
चाणक्य तो राजस्थान में कांग्रेस को 39 सीटें दे रहा था। छत्तीसगढ़ के एग्जिट पोल में इंडिया टुडे-ओआरजी और चाणक्य को छोड़कर लगभग सभी एजेंसियों ने कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर का आकलन किया था। जो सही निकला।