दिल्ली विधानसभा चुनावों में उतरे धुरंधर नेता जहां युवा उम्मीदवारों को राजनीति में बच्चा समझ रहे थे। वहीं, राजनीति के इन्हीं ‘गुमनाम’ उम्मीदवारों ने ‘नामचीन’ नेताओं को पटखनी दे दी। दिल्ली सरकार के हाई प्रोफाइल मंत्री राजकुमार चौहान आम आदमी पार्टी की सबसे कम उम्र की प्रत्याशी राखी बिरला (26 वर्ष) से हार गए। इसी तरह से दिल्ली में तमाम नए उम्र के लड़ाकों ने धुरंधरों को पछाड़ा। इसमें जीत सबसे बड़ी संख्या आप के उम्मीदवारों की रही। ऐसा इसलिए भी हैं क्योंकि इसी पार्टी ने बड़ी संख्या में युवा चेहरों पर दांव खेला था।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में कई युवा चेहरों ने बड़े चेहरों को धूल चटाई है। चाहे वह पटपड़गंज सीट से मनीष सिसौदिया हो या फिर मॉडल टाउन सीट से आप के प्रत्याशी अखिलेशपति त्रिपाठी हो।सीमापुरी सीट पर आप पार्टी के 28 वर्षीय धर्मेंद्र सिंह कोहली ने कांग्रेस के विधायक रहे वीर सिंह धींगन को 11,976 वोटों से हराया है। इसी तरह से मॉडल टाउन सीट पर तीन बार के विधायक रहे कंवर करण सिंह को उनसे काफी कम उम्र के आप पार्टी के उम्मीदवार अखिलेशपति त्रिपाठी (28 वर्षीय) ने 7875 मतों से हरा दिया।
बीजेपी के करोल बाग से विधायक सुरेंद्र पाल रतवाल को आम आदमी पार्टी के महज 30 वर्ष के विशेष रवि से हार का सामना करना पड़ा है। इसी तरह आम आदमी पार्टी के तिलक नगर से प्रत्याशी 32 वर्षीय जनरैल सिंह ने बीजेपी के प्रवक्ता राजीव बब्बर को हरा दिया है। बुराड़ी सीट पर आम आदमी पार्टी के 34 साल के प्रत्याशी संजीव झा ने बीजेपी के श्रीकृष्ण को कड़ी टक्कर देते हुए लगभग 10 हजार मतों से जीत हासिल की है। डीयू से कानून की पढ़ाई कर रहे संजीव झा शुरुआत से ही टक्कर देनी शुरू कर दी थी जो आखिरी राउंड तक जारी रही। बीजेपी के युवा चेहरों में किराड़ी सीट से 38 वर्षीय अनिल झा ने रिकॉर्ड 48,526 मतों से जीत हासिल की है।उन्होंने ‘आप’ के उम्मीदवार राजन प्रकाश को हराया। जबकि कांग्रेस के युवा चेहरे व डूसू से निकले अमित मलिक को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा है। अहम है कि इस बाद कांग्रेस की यूथ बिग्रेड कोई करिश्मा नहीं दिखा पाई।