जम्मू-कश्मीर का एजेंडा हमेशा से संघ परिवार के लिए प्रमुख रहा है। भाजपा सरकार के केंद्र में बड़ी ताकत के रूप में वापसी के बाद अब संघ परिवार को लगता है कि इस एजेंडे को आगे बढ़ाने का समय आ गया है। यही कारण है कि ऐसे समय में जब केंद्र यहां नए परिसीमन की सम्भावनाओं पर काम कर रहा है।
संघ के सांस्कृतिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) को जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं को संगठित करने की विशेष जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इसी के तहत विहिप के शीर्ष अधिकारियों की बैठक पहली बार जम्मू-कश्मीर में आयोजित की गई। रविवार को सम्पन्न दो दिवसीय बैठक में राज्य में हिंदुत्ववादी विचारों के प्रचार-प्रसार की रणनीति पर चर्चा की गई। राज्य में हिंदुत्ववादी विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए राजेश गुप्ता को कार्याध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है।
विहिप के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक विशेष प्रावधानों के कारण जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। गलत परिसीमन के कारण राज्य की विधानसभा में हिन्दू बहुल इलाकों का प्रतिनिधित्व बेहद कम है। हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि वह घाटी से विस्थापित हिन्दुओं की वापसी का रास्ता तैयार करे। हमारी मांग है कि कश्मीरी पंडितों को उन्हीं इलाकों में बसाया जाए जहां वे मूल रूप से रहते आये हैं। नेता के मुताबिक, घाटी में सभी समुदायों का सम्मान बना रहे, इसके लिए वे हिन्दुओं को ‘जागृत’ करने का काम भी करेंगे। इसके लिए समय-समय पर राज्य में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम चलाये जायेंगे।
विहिप नेता के अनुसार लगभग 225 शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक में जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो प्रस्ताव पास किये गये हैं। पहला तो यह कि राज्य में हिन्दू तीर्थों, देवी-देवताओं से जुड़े पवित्र तीर्थ स्थलों को लोगों के बीच प्रचारित-प्रसारित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा। इससे राज्य में हिन्दू तीर्थ स्थलों का उद्धार होगा। साथ ही राज्य का पर्यटन बढ़ेगा जो स्थानीय युवाओं को रोजगार देगा।
दूसरा राज्य में अलगाववादी ताकतों को खत्म करने के लिए स्थानीय लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी। उन्हें यह बताने की कोशिश होगी कि किस तरह अलगाववाद और आतंकवाद ने कश्मीर की आर्थिक-सामाजिक स्थिति को नष्ट कर दिया है।
पश्चिम बंगाल में भी बढ़ेंगी विहिप की गतिविधियां
विहिप के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे की अगुवाई में संपन्न हुई इस बैठक में पश्चिम बंगाल में घट रही घटनाओं पर भी चर्चा की गई। संगठन का विचार है कि बांग्लादेश से हो रहे अवैध घुसपैठ के कारण राज्य के कई इलाकों में भारी असंतुलन पैदा हो रहा है।
संगठन के एक नेता के अनुसार कई इलाकों में हिन्दुओं की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है जो भविष्य में वहां के हिन्दुओं के लिए संकट पैदा कर सकता है। यही कारण है कि संगठन केंद्र सरकार से एनआरसी के मुद्दे पर कठोर कदम उठाने की मांग करेगा। राज्य में संगठन के विस्तार और हिन्दू हितों की आवाज उठाने के लिए सपन मुखर्जी को कोलकाता क्षेत्र का संगठन मंत्री बनाया गया है। उनके आलावा गौरी प्रसाद रथ को कोलकाता और गुवाहाटी क्षेत्र का सह-संगठन मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है।
साभार- https://www.amarujala.com से