· इंडिया हैबिटेट सेंटर में 16 से 25 अगस्त तक चलेगा यह फेस्टिवल
· 10 दिनों में 13 नाटकों के अलावा कई कार्यशालाएँ भी आयोजित किये जायेंगे
नई दिल्ली ,12 अगस्त: दिल्ली के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित थिएटर फेस्टिवलों में से एक के रूप में पहचाना जाने वाला ‘ओल्ड वर्ल्ड थिएटर फेस्टिवल’ 16 से 25 अगस्त को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली आयोजित किया जाएगा. अपने 18 वें संस्करण में इस फेस्टिवल में शानदार प्रस्तुतियों को आमंत्रित किया गया है. इसबार के फेस्टिवल में मूल कहानियों पर आधारित प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी जो हमारा मनोरंजन करने , प्रेरित करने तथा उतेजित करने के साथ ही शिक्षित करने की भी भूमिका निभाएंगे.
इंडिया हैबिटेट सेंटर के हैबिटेट वर्ल्ड के निदेशक कार्यक्रम विदुन सिंह ने कहा, “हम भारतीय थिएटर में इस तरह की विविधता और जीवंतता को देखकर बहुत खुश हैं. ये युवाओं की बढ़ती प्रतिभा के कारण संभव हो सका है , जो मेधावान, अथक और राजस्व मॉडल की व्यावहारिक चिंताओं ,परफॉरमेंस स्पेस की बढ़ती लागत तथा धन के अभाव के बावजूद अडिग रहते हैं.पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रंगमंच के परिवेश में एक स्थिर और बढ़ते हुए परिवर्तन को देखा गया है, क्योंकि थिएटर जानकारों की एक नई पीढ़ी अपने आप सामने आ गई है।”
फेस्टिवल का प्रारम्भ 1,2, ट्री… शीर्षक से एक कठपुतली शो की थिएटर प्रस्तुति से होगी जिसका निर्देशन पुरस्कार प्राप्त कठपुतली निदेशक अनुरुपा रॉय ने किया है . इस नाटक की कहानी में एक सात साल का लड़का , उसकी बिल्ली ब्रूस ली और एक पौधा होता है ,जिसे इन दोनों ने अपना मित्र बना लिया है .यह नाटक 16 अगस्त, 7:00 बजे स्टाइन ऑडिटोरियम मंचित किया जायेगा. इसके बाद एक दूसरा नाटक ‘अन्रावेल:एन इम्पोव प्ले अबाउट मेंटल हेल्थ’ को प्रस्तुत किया जाएगा ,जिसका निर्देशन वरुण आनंद ने किया है ,इसमें मानसिक स्वास्थ और स्वास्थ से जुड़ी अन्य जानकारियों तथा अनुभवों को साझा किया गया है . इसके अलावा बाकी दिनों में गुरलीन जज की फ्रांज काफ्का की रोमांचक लघु कथा से प्रेरित ‘हंगर आर्टिस्ट’,तारा आर्ट्स लन्दन द्वारा प्रस्तुत विलियम शेक्सपियर की कृति ‘मेकबैथ’ जिसमें तीन हिजड़ों द्वारा देशद्रोह महत्वाकांक्षा और साधना पर आधारित कहानी जिसके कारण एक एशियाई परिवार को रक्तरंजित होना पड़ता है. इसका निर्देशन जितेन्द्र वर्मा ने किया है .
इस फेस्टिवल में वरिष्ठ निर्देशक नीलम मान सिंह की नई पस्तुति ‘गम है’ का भी मंचन होंगा ,इस नाटक की कहानी में पिंकी नाम के एक लड़की अपने गावं से दो महीने के लिए खो जाती है और इसके कारण उसके परिवार और समुदाय पर क्या प्रभाव पड़ा यही इसकी कथा वस्तु है. पटकथा लेखक जावेद सिद्दीकी द्वारा लिखित निर्देशक सलीम आरिफ का ‘गुडंबा’ नाटक एक दिल को छू लेने वाला एकालाप है जिसमें अभिनेत्री लुबना सलीम मंच पर रहेंगी और दर्शक अपनी सीटों पर अंत तक जकड़े रहेंगे। कहानी एक महत्वाकांक्षी युवा लड़की अमीना के इर्द-गिर्द घूमती है, जो यह सोचकर शादी करती है कि उसके सपनों का आदमी उसकी प्रार्थनाओं का भगवान है, मगर वह अपने ससुराल के संयुक्त परिवार की जटिल राजनीति में फंस जाती है।
क्वासर ठाकुर पदमसी द्वारा निर्देशित ‘एवेरी ब्रिलिएंट थिंग’ सात साल के लड़के की कहानी है। उसकी माँ अस्पताल में मानसिक बीमार है, उसे खुश होना मुश्किल लगता है। वह उसे खुश करने के लिए प्यार, जीवन, परिवार, मानसिक स्वास्थ्य और दुनिया की सभी अद्भुत चीजों की एक सूची बनाता है।’फ़क़ीर निमाना’ ऐसी ही एक नृत्य और संगीत आधारित कहानी है ,जिसका निर्देशन नृत्यांगना संजुक्ता वाघ ने किया है. यह 16 वीं शताब्दी के लाहौर के एक रहस्यवादी बुनकर कवि शाह हुसैन पर आधारित एक नृत्य और संगीत कथा है। संजुक्ता वाघ के अलावा संगीतकार राधिका सूद नायक, हितेश धूतिया और विनय शर्मा नेटके भी इस संगीतमयी प्रस्तुति में शामिल होंगे। विक्रम फूकन द्वारा निर्देशित ‘दोज लेफ्ट बिहाइंड थिंग्स’, एक नाटक है जो तेहरान के अंधेरे गलियों में ब्राइटन में नीयन से प्रज्जवलित घाट पर स्थापित ईरानी शरण-साधक हामिद की यात्रा का अनुसरण करता है। एनी जैदी की प्रशंसित लघु कहानी के आधार पर, बॉलीवुड अभिनेता शिवानी टंकसले द्वारा निर्देशित ‘जाम’ कॉलेज के दोस्तों की कहानी है, जो वर्षों से नहीं मिले थे। अब वे मिले हैं लेकिन एक भयानक यातायात जाम में एक कार में फंस गए हैं।
अरुणा गणेश राम द्वारा निर्देशित ‘अंडर प्रेशर’, उपभोक्तावाद, न्यूनतम जीवन, स्वदेशी ज्ञान, पेड़ों का जीवन और प्रकृति की राजनीति के विषयों की पड़ताल। प्रस्तुति में कई दृष्टिकोण प्रस्तुत होते हैं जैसे – नीति-निर्माता, रैगपिकर, पर्यावरणविद्, 8000 साल पुराना पेड़ और विलुप्त पक्षी आदि। द बिग फैट कंपनी की प्रस्तुति ‘हेड 2 हेड’ जिसका निर्देशन शबरी राव द्वारा किया गया है, गिरीश कर्नाड द्वारा प्रतिष्ठित कन्नड़ नाटक के वर्गों का उपयोग करते हुए यह एक अद्वितीय विकसित थिएटर प्रस्तुति है
इस महोत्सव का समापन मकरंद देशपांडे की ‘ पिताजी प्लीज’ नाम की प्रस्तुति से होगा जिसमे एक पिता और पुत्र के बीच स्नेह को आधार बनाया गया है और किस प्रकार से वे अपने जीवन में एक नवांगतुक के आने से जुड़े झूठ को अपने तक रखते हैं बखूबी दिखाया गया है .
इस महोत्सव में प्रमुख थिएटर पेशावरों द्वारा मास्टर क्लाससेस और कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाएगा. तात्कालिक प्रदर्शन अर्थात इम्प्रोव्जेशन पर वरुण आनंद द्वारा वर्कशॉप आयोजित की जायेगी इसके अलावा चरित्र अथार्त किरदार को विकसित करने पर आदित्य गर्ग द्वारा तथा बिग फैट कंपनी द्वारा भी वर्कशॉप आयोजित की जायेगी
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