भगवान राम से जुड़े धार्मिक स्थलों की यात्रा कराने वाली भारतीय रेल रामायण सर्किट यात्रा इस साल भी श्रद्धालुओं के लिए आयोजित की जाएगी। पिछले साल यह यात्रा सफल रही थी। यह ट्रेन भारत और श्रीलंका में भगवान राम के जीवन से जुड़े स्थलों पर लेकर जाती है। भारत की यात्रा ट्रेन के माध्यम से जबकि श्रीलंका की यात्रा चेन्नई से विमान के जरिए होगी।
रेलवे ने शुक्रवार को बताया कि रेलवे की कैटरिंग एवं पर्यटन कॉर्पोरेशन आईआरसीटीसी ने 2018 में विशेष पर्यटन ट्रेनों से चार पैकेज चलाए थे। पिछले बार की तरह ही इस साल भी नवंबर में दो यात्रा पैकेज आएगा।
भारतीय स्थलों की 16 दिन और 17 रात की यात्रा का कुल खर्चा जहां प्रत्येक यात्री को 16,065 जमा करना होगा। वहीं श्रीलंका जाने वालों को 36,950 रुपये प्रति व्यक्ति देना होगा।
पहली ट्रेन श्री रामायण यात्रा तीन नवंबर को राजस्थान के जयपुर से रवाना होगी और दिल्ली से होते हुए गुजरेगी। 16 दिन और 17 रात की इस यात्रा में श्रीलंका में ‘रामायण’ से जुड़े स्थल भी शामिल हैं।
वहीं दूसरी ट्रेन रामायण एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के इंदौर से 18 नवंबर को यात्रा शुरू करेगी और वाराणसी से होकर गुजरेगी। वहीं इसी तरह की एक अन्य ट्रेन मदुरै से आने वाले महीनों में रवाना होगी।
पिछले साल पहली बार 14 दिसंबर को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से भारत और श्रीलंका के लिए यात्रा शुरू हुई थी और सारी सीटें भरी हुई थी।
भारतीय स्थलों में अयोध्या का राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी, नंदीग्राम का भारत मंदिर, बिहार में सीतामढ़ी का सीता माता मंदिर, वाराणसी का तुलसी मानस मंदिर और संकट मोचन मंदिर, उत्तर प्रदेश में सीतामढ़ी का सीता समाहित स्थल, त्रिवेणी संगम, हनुमान मंदिर और प्रयाग का भारद्वाज आश्रम तथा श्रृंगवेरपुर में श्रृंगी ऋषि मंदिर, चित्रकुट में रामघाट और सती अनुसुय्या मंदिर, नासिक में पंचवटी, हम्पी अनजनद्री हिल और हनुमान जन्म स्थल तथा रामेश्वरम में ज्योतिर्लिंग शिव मंदिर शामिल है।
श्रीलंका में सीता माता मंदिर, अशोक वाटिका, विभिषण मंदिर और मुन्नेश्वर-मुन्नावरी का शिव मंदिर समेत कई स्थल हैं।