Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeजियो तो ऐसे जियोसुनीता नारायण ने सिध्द किया कि अकेला चना भी भाड़ फोड़...

सुनीता नारायण ने सिध्द किया कि अकेला चना भी भाड़ फोड़ सकता है

संभवतः भारत के टीवी चैनलों पर नहीं दिखाया गया होगा कि पर्यावरण की सोच और चिंता करने वाले दुनिया भर के जिन 15 शीर्ष लोगों को हाल ही में टाइम पत्रिका ने चुना है उनमें सुनिता नारायण भी हैं . पर्यावरण एक्टिविस्ट के रूप में काम करना मुश्किल और टेढ़ा है क्योंकि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग और धंधे के मालिकान बहुत ही ताक़तवर और लम्बे हाथ वाले होते हैं . मुझे याद है जब सुनिता के शोध केंद्र ने बताया था कि कोकाकोला की बोतलों में भरे कोल्ड ड्रिंक में पेस्टीसाइड पाया गया है बड़ा हंगामा हुआ , कंपनी के पक्ष में मीडिया में ख़ूब लिखा गया क्योंकि हर चैनल और समाचार पत्र के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा कोकाकोला से आया करता था !

सुनीता के अलावा अनिल अग्रवाल , चण्डी प्रसाद भट्ट , सुन्दरलाल बहुगुणा , मेनका गांधी ने भी इस दिशा में ख़ूब काम किया है, खेद की बात यह है कि इन दिनों हमारा मीडिया इस बारे में रचनात्मक माहौल बनाने में कुछ ख़ास नहीं कर रहा है . अब मुंबई की बात करें तो वहाँ लोखंडवाला अंधेरी की सेलिब्रिटी बस्ती से सटी एक अनूठी झील कब मलबे से भर गयी वहाँ के रहनेवालों को पता ही नहीं चला , हम कुछ एक्टिविस्ट ने स्थानीय एमपी और एमएलए पर दबाव बनाया प्रशासन तंत्र कुछ हरकत में आया सब ने मिल कर दृढ़ताओं से मलबा निकाला, बाद में तंत्र फिर खुली आँखों से सो गया . मुंबई के फेफड़े कहे जाने वाले आरे के जंगल क्षेत्र में धीरे धीरे राजनीतिक वरदहस्त के कारण बस्तियाँ बसती चली, गयीं लगातार पेड़ों की जड़ों में तेज़ाब डाल कर मार दिया गया तब भी प्रशासन खुली आँख सोता रहा , मेट्रो कार शेड भी वहीं बनेगा जिसके लिए एक्टिविस्ट के दबाव के बावजूद पेड़ कट रहे हैं . हाँ , जब ज़रूरत से ज़्यादा सड़ी गर्मी पड़ती है या फिर ज़बरदस्त बारिश ऐसे गिरती है कि थमने का नाम नहीं लेती तब लोग पूछते हैं ऐसा क्यों हो रहा है !

 

बरहाल देश को एक सुनीता नहीं बल्नकि उनके जैसे हज़ारों एक्टिविस्ट चाहिए नहीं तो बढ़ते तापमान और अनावृष्टियों के लिए तैयार रहिए .

संपर्क
Pradeep Gupta
www.brandtantra.org

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार