उत्तर प्रदेश के मेरठ की एक अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में निर्बल बाबा के खिलाफ जमानती वॉरंट जारी किया है। ओरंगाशाहपुर डिग्गी निवासी हरीशवीर ने पिछले साल अक्टूबर में जुडिशल मैजिस्ट्रेट (फर्स्ट क्लास) विनीता के कोर्ट में केस दायर कर आरोप लगाया था कि शुगर की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने अप्रैल 2012 में निर्मल बाबा से संपर्क किया था। निर्मल बाबा ने उनसे काफी पैसा लेकर खीर खाने और गरीबों को खिलाने की सलाह दी थी। जनपद बागपत जनता वैदिक कॉलेज में प्राध्यापक हरीशवीर ने बाबा की सलाह पर खीर खानी शुरू कर दी। जिससे उनका स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया और बड़ी मुश्किल से जान बची।
हरीशवार ने निर्मल बाबा के खिलाफ पुलिस में शिकायत की, लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण लेते हुए निर्मल बाबा के खिलाफ केस दर्ज कराया। इस मामले में पिछले साल 31 अक्टूबर को अदालत ने निर्मल बाबा को तलब किया लेकिन समन जारी होने के बाद भी वह अदालत में हाजिर नहीं हुए। इस दौरान उनकी तरफ से अदालत में हाजरी माफ की अर्जी दी गई।
अदालत ने इस अर्जी को खारिज करते हुए निर्मल बाबा के खिलाफ वॉरंट जारी करते हुए 6 जनवरी को अदालत में तलब किया है।