रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बच्चों को मनोरंजक ढ़ंग से भाषा सीखाने के लिए लर्निंग नेविगेटर कार्यक्रम के तहत आज यहां दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला मंे भाषा विज्ञानियों ने बच्चों के स्तर और उनकी क्षमता के अनुरूप भाषा की पकड़ को मजबूत बनाने के लिए सहायक शैक्षणिक सामग्री तैयार करने पर विचार विमर्श किया। इस कार्यशाला का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं परीक्षण परिषद के तत्वाधान में किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में विभिन्न भाषाएं उपयोग की जाती है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसे ध्यान में रखकर भाषा सीखने की रूपरेखा विकसित करने की पहल की है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं परीक्षण परिषद की अगुवाई में इंडिया एजुकेशन कलेक्टिव संस्था के साथ मिलकर इस पर कार्य किया जा रहा है। इसमें भाषा के क्षेत्र मंे काम करने वाले देश की अग्रणी संस्थानों के प्रतिनिधि इसमें भागीदारी कर रहे हैं। इसमें परिणाम स्वरूप मंे भाषा सीखने का क्रम, भाषा सीखने के लिए महत्वपूर्ण पहलू और उसे मजबूत करने वाले सहायक शैक्षणिक सामग्री तैयार की जा सकेगी।
विभिन्न भाषाओं में सामंजस्य बनाने, एक भाषा की मदद से अन्य भाषा सीखने और उसको अभिव्यक्त करने में मददगार होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के समन्वयन में संचालित ‘लर्निंग नेविगेटर कार्यक्रम‘ के अंतर्गत गणित विषय शालाओं में शिक्षकों के लिए उपलब्ध कराया जा चुका है। इसी क्रम में भाषा सीखने के संसाधन और मूल्यांकन व्यवस्थित तरीके से लर्निंग नेेविगेटर पर उपलब्ध कराए जाने हैं। यह कार्यशाला इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यशाला में प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने का क्रम क्या होना चाहिए और उसका अनुपालन करने के लिए कौन सी सहायक शैक्षणिक सामग्री उपयोगी होंगी, यह तय किया जाएगा।