Thursday, November 28, 2024
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छत्तीसगढ़ राज्य महोत्सवः घुंघरू की छमछम, बाँसुरी के सुरों और तबले की थाप ने जीता दिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव में कत्थक के नर्तकों और नृत्यांगनाओं ने अपनी कलात्मकता और शानदार प्रस्तुति से सबकों सम्मोहित किया। अपनी विशिष्ट भाव-भांगिमाओं और मुद्राओं से कत्थक के कलाकर न सिर्फ हर प्रस्तुति में जान डालते रहे, पैरों में बंधी घुंघरू की आवाज और तबले की थाप में पूरे सुर, ताल व लय के साथ वे नृत्य करते नजर आए। कत्थक नृत्य में शिव तांडव, काल भैरवी, गणेश वंदना, सूर्य नमस्कार सहित अन्य विधाओं की प्रस्तुति देखने को मिली। पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम के मुख्य मंच में आयोजित कत्थक नृत्य प्रतियोगिता में कलाकारों की शानदार प्रस्तुति ने दर्षकों को भी थिरकने का मजबूर सा किया।

कत्थक नृत्य प्रतियोगिता में जिलों के कलाकारों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल द्वारा 15 से 40 साल तक के वर्ग में तेजराम को प्रथम स्थान,.को द्वितीय रानी सिंह एवं तृतीय स्थान शिवांश कुर्म एवं जान्हवी खरे को मिला। 40 साल से अधिक उम्र के वर्ग में बंटी खत्री को प्रथम,े द्वितीय किरण साहू एवं रजन वर्मा को तृतीय स्थान मिला।

बांसुरी के कलाकारों ने बांसुरी की वह सुरमयी धुन प्रस्तुत की कि श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम के 100 सीटर हाल में बासुरी वादन की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में जिलों से चयनित और बांसुरी वादन में पारंगत कलाकारों ने अपनी सुरीली प्रस्तुति दी। हर कलाकार ने बांसुरी की धुन से कुछ नया और
सबसे अलग आवाज निकालने की कोशिश की। बांसुरी की मधुर आवाज से सभागार का माहौल भी सुरमयी हो गया।

कत्थक नृत्य प्रतियोगिता में विभिन्न जिलों के कलाकारों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल द्वारा 14 से 40साल तक के वर्ग में विलास मलाने को प्रथम स्थान, गिरीश कुमार को द्वितीय एवं विवेक देवांगन को तृतीय स्थान मिला। 40 साल से अधिक उम्र के वर्ग में नंदलाल को प्रथम, साखूराम खेरवार को द्वितीय, हरेकृष्ण तिवारी को तृतीय स्थान मिला।

सांइस कालेज मैदान के मुख्य मंच में आयोजित करमा नृत्य प्रतियोगिता में राज्य के कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से लोगों में अपनी छाप छोड़ी। अलग-अलग आभूषणों के साथ, सजी-धजी रंग बिरंगे परिधानों में करमा के कलाकार देखने वालों को खूबसूरत तो लग ही रहे थे, उनकी पारम्परिक नृत्य शैली भी सभी को भा रही थी। मांदर, झांझर के साथ छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति पर आधारित स्थानीय बोली व भाषा में प्रस्तुत गीत और करमा नृत्य दर्शकों को ताली बजाने के लिए मजबूर कर रही थी। करमा नृत्य प्रतियोगिता में 15 से 40 साल के आयु वर्ग में 17 जिलों के कलाकारों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान रयपुर जिला, द्वितीय स्थान जशपुर और तृतीय स्थान सरगुजा जिला को मिला। 40 साल से अधिक आयु वर्ग में कबीरधाम जिला को प्रथम, द्वितीय स्थान महासमुंद और तीसरा स्थान राजनांदगांव जिला को मिला।

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