पाकिस्तान में एक 15 वर्षीय हिंदू लड़की के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के बाद, पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय ने सिंध प्रांत के जैकबाबाद में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और प्रधानमंत्री इमरान खान से देश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। आपको बता दें कि चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ‘गुमशुदा’ लड़की की तलाश नहीं कर पाई है।
इस तरह की घटनाओं से परेशान होकर हिंदू नेताओं ने पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो समुदाय के लोग पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर होंगे। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, किशोरी को 15 जनवरी को जैकबाबाद से अगवा किया गया था। 18 जनवरी को किशोरी का एक विडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें वह दरगाह में अमरोत शरीफ में अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाते और अली रजा माची से निकाह कुबूल करते हुई दिखाई दे रही है।
इसके बाद दरगाह अमरोती शरीफ से जुड़ा एक और विडियो आया, जिसमें लड़की द्वारा इस्लाम अपनाने को सही ठहराया गया था। सूत्रों के मुताबिक, अली की दो पत्नियों से चार बच्चे हैं जिन्हें वह कुछ समय पहले छोड़ चुका है। हिंदुओं की सुरक्षा के मुद्दे पर एपीएचपी के रवि दवानी ने कहा कि अगर कुछ नहीं किया गया तो हिंदू समुदाय के लोग अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए बाहर जाने को मजबूर होंगे। अल्पसंख्यक समुदाय सोशल मीडिया पर इस मुद्दे के को लेकर जागरूकता फैला रहा है। एपीएचपी ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों के धर्मान्तरण के मामलों की एक सूची भी जारी की है, जिसमें अगवा करके जबरन धर्म परिवर्तन कराई गईं 50 हिंदू लड़कियां शामिल हैं।
17 जनवरी को भारत ने नाबालिग लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया था। 14 जनवरी को इस किशोरी के अपहरण से एक दिन पहले दो और हिंदू लड़कियों को इसी तरह सिंध प्रांत के थारपारकर के उमर गांव से अगवा कर लिया गया था।
हाल के दिनों में, पाकिस्तान के ननकाना साहिब शहर की एक सिख लड़की को कथित तौर पर एक स्थानीय मुस्लिम युवक मोहम्मद हसन ने अगवा कर लिया था और उसके बाद उससे निकाल का एक विडियो भी सामने आया था। इस घटना ने ननकाना साहिब के अल्पसंख्यक सिख समुदाय और मुसलमानों को टकराव की कगार पर ला दिया था और ऐतिहासिक गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमला कर दिया था।