Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तिविकास के नाम पर 90 हजार गाँवों को बर्बाद कर शहरों में...

विकास के नाम पर 90 हजार गाँवों को बर्बाद कर शहरों में मिला दिया

राँची। युगांतर भारती, नेचर फाउंडेशन के तत्वाधान में एक दिवसीय गोष्ठी – इको सेंट्रिक डेवलपमेंट (पर्यावरण केंद्रित विकास) पर मुख्य वक्ता प्रख्यात विचारक श्री के एन गोविंदाचार्य ने कहा कि पिछले कई महीनों से ऑस्ट्रेलिया में लगी आग के कारण कई करोड़ पशु पक्षी मारे गए है। समुंद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। विकास के नाम पे भारत 90000 गाव को शहरों में लीन करा लिया गया है। आज असमय वर्षा के कारण कृषि पंचाग अस्तव्यस्त हो गया है। श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि पिछले 5000 वर्षों में जितना बदलाव प्रकृति में आया है उतना बदलाव पिछले 500 वर्ष में आया है और उतना ही बदलाव पिछले 50 वर्षों में आया है। टेक्नोलॉजी ड्रिवन सोसायटी से फॉसिल ऑयल का उपयोग बढ़ गया है और नड गोवंश बेकार हो गया है। समाज में तनाव बढ़ने का मुख्य कारण सुख कि कल्पना सुविधा से करने से हो रही है। श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि 50 वर्ष पूर्व विश्व का 70% सम्पत्ति 30% जनसंख्या के पास थी। आज 80% सम्पत्ति 20% जनसंख्या के पास है। भारत में 57% संपदा मात्र 1% आबादी के पास है।

श्री गोविंदाचार्य ने आश्चर्य व्यक्त किया गूगल का भारत में हर वर्ष का कुल कारोबार होता है 4 लाख 29 हज़ार करोड़ पर वो टैक्स देता है सिर्फ 7000 करोड़ पर। आज साइबर वार कि वजह से कई देश की संप्रभुता खतरे में है। श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि एफडीआई आने पर भी अर्थव्यवस्था कि हालात ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि 500 वर्ष पहले कहा जाता था कि मनुष्य सबसे पराक्रमी है। पिछले 50 वर्ष में भारत का 60% जैव विविधता का नुक़सान हुआ है। आज पर्यावरण केंद्रित विकास के लिए राजनैतिक परिवर्तन की जरुरत है।

मुख्य अतिथि विधायक श्री सी पी सिंह ने कहा कि पूरा विश्व पर्यावरण के लिए चिंतित है लेकिन असरदार पहल की अभी भी कहीं न कहीं कमी है। प्रतेक दिन हर व्यक्ति पर्यावरण को नुक़सान पहुंचा रहा है। सब कुछ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। श्री सिंह ने कहा कि स्वभाव में बदलाव लाने से ही पर्यावरण में बदलाव संभव है। उन्होंने उधारण देते हुए कहा कि सड़क बनने के लिए पेड़ काटे जाते है। नियम कहता है कि पेड़ को काटने पर पेड़ को लगाना भी पड़ता है और उसका संघरक्षण भी करना पड़ता है। लेकिन ऐसा नहीं होता है।

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे विधायक सरयू राय ने कहा कि दामोदर 95% प्रदूषण मुक्त हो चुकी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रदूषण कर रहे संघटनो पर कार्रवाई कर रहा है। श्री राय ने कहा कि दामोदर बचाओ आंदोलन की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में बी टी पी एस, सी टी पी एस पर एक एक करोड़ का जुर्माना लगाया है। श्री राय ने ऐलान किया कि मई के महीने में युगांतर भारती पर्यावरण मेला करवाईगी, और दिसंबर में एक स्मारिका का विमोचन होगा जिसमें पर्यावरण के क्षेत्र में अन्य संस्था के काम के बारे में बताया जाएगा।

विशिष्ठ अतिथि भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के डा गोपाल शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण की वजह से जल सकंट होता है। गंगा में पानी के आभाव के कारण नेशनल वॉटरवेज 1 की योजना फेल कर गई है। स्पोंजी लेयर समाप्त हो गया है। विषय प्रवेश रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार डा एम के जमुआर ने किया। स्वागत भाषण युगांतर भारती के अध्यक्ष श्री अंशुल शरण ने किया, धन्यवाद ज्ञापन प्रो उदय कुमार ने दिया और युगांतर भारती के बारे में सचिव आशीष शीतल ने बताया।

कार्यक्रम में श्री विवेकानंद झा द्वारा लिखित पुस्तक ‘The Making of Narendra Modi, unmaking of Jawaharlal’ का विमोचन भी हुआ।

इस अवसर पर में सुरेन्द्र बिष्ट, मनोज सिंह, जयनंदु, सूर्यमणि सिंह, ए के मिश्रा, उमेश दास, पवन कुमार, मुकेश कुमार भी उपस्थित थे।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार