नई दिल्ली असदुद्दीन ओवैसी की सभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वाली महिला अमूल्या के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। इस बीच उसे न्यायिक हिरासत में भी भेजा जा चुका है। अमूल्या के बारे में जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक वो एक स्टूडेंट-एक्टिविस्ट हैं और लेफ्टिस्ट विचारधारा की है।
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ असदुद्दीन ओवैसी की रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नारा लगाने वाली महिला एक्टिविस्ट को लेकर हंगामा बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कर, उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ओवैसी की सभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वाली महिला एक्टिविस्ट की पहचान अमूल्या लियोना के तौर पर हुई है। वो बेंगलुरू के एनएमकेआरवी महिला कॉलेज की छात्रा हैं। वो बेंगलुरू रिकॉर्डिंग कंपनी में ट्रांसलेटर के तौर पर काम भी कर चुकी हैं। स्कूल की पढ़ाई सेंट नॉरबेट सीबीएसई स्कूल और मणिपाल के क्राइस्ट स्कूल से की है। अमूल्या लियोना ब्लॉगिंग भी करती हैं। उनका ‘अलनोरोन्हा’ के नाम से अलग फेसबुक पेज भी है।
अमूल्या लियोना का जन्म कर्नाटक के मैसूर में 31 जुलाई, 2000 में हुआ। वो अभी 20 साल की है। अमूल्या फेसबुक के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय है। वो एनएमकेआरवीसीडब्ल्यू से बीए जर्नलिज्म की पढ़ाई कर रही है। पढ़ाई के साथ कविताएं लिखने का शौक है। इसके अलावा टीचिंग में भी उनकी काफी रूचि है।
अमूल्या लियोना ने जिस तरह से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए, उस पर उनके पिता का रिएक्शन आया है। उन्होंने अपनी बेटी के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटी के बयान को बर्दाश्त नहीं करूंगा। उनकी बेटी ने जो कुछ भी कहा या किया है वो बिल्कुल गलत है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमूल्या उस समय भी चर्चा में आई थी जब जनवरी में मंगलुरू एयरपोर्ट पर पोस्टकार्ड न्यूज के को-फाउंडर महेश विक्रम हेगड़े को कुछ महिला एक्टिविस्ट ने ‘वंदे मातरम्’ गाने की मांग की थी। उस ग्रुप में अमूल्या लियोना भी थी। वो कांग्रेस प्रवक्ता कविता रेड्डी और दूसरे कार्यकर्ताओं के साथ वहां मौजूद थीं। एक बार नहीं बल्कि कई बार उन्होंने महेश विक्रम हेगड़े को ‘वंदे मातरम्’ गाने की मांग की थी। हालांकि, उन्होंने इस दौरान कोई रिएक्शन नहीं दिया था। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो काफी वायरल हुआ था।