एक जिद्दी टीनएजर, जिसने अपने माता–पिता से इसलिए बगावत कर दी थी क्योंकि वे चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ाई पर ध्यान दे न कि क्रिकेट पर, से लेकर अब तक, भुवनेश्वर कुमार ने निश्चित रूप से काफी लंबा सफर तय कर लिया है। भारत के सबसे विश्वसनीय तेज गेंदबाजों में से एक, कुमार के पास आज सब कुछ है लेकिन जैसा कि कुमार ने क्रिकबज़ (Cricbuzz) के नए शो स्पाइसी पिच के टेल–ऑल वेबिसोड में बताया, ऐसा हमेशा से नहीं था।
कुमार ने अपनी क्रिकेट जर्नी किसी आम युवा भारतीय के जैसे ही शुरू की थी– अपने दालान और पास के पार्क में गली क्रिकेट खेलते हुए। लेकिन 12-13 साल का होने तक, कुमार ने फैसला कर लिया था कि उन्हें अच्छे स्टेडियम में रेड–बॉल क्रिकेट ही खेलनी है। हालांकि उनके माता– पिता को भरोसा नहीं था और वे चाहते थे कि वे अपने पढ़ाई पर ध्यान दें, लेकिन कुमार बहुत जिद्दी थी। और इस तरह एक लंबी और कठिन सफर की शुरुआत हुई– स्कूल के बाद हर रोज़ चार घंटे प्रैक्टिस करते थे– प्रैक्टिस के बाद कुमार इतने थक जाते थे कि घर वापस लौटने पर अपने बिस्तर पर निढ़ाल हो कर सो जाते थे।
भुवी बताते हैं कि उनके क्रिकेट जर्नी के दो मुख्य टर्निंग प्वाइंट्स रहे। पहला– जब उनका चयन अंडर– 15 क्रिकेट टीम के लिए किया गया। इस चयन से उनके माता– पिता को यकीन हो गया कि वे क्रिकेट में अपना मुकाम बना सकते हैं।
दूसरा टर्निंग प्वाइंट तब आया जब वे सिर्फ उन्नीस साल के थे। रणजी ट्रॉफी के 2008-09 के सत्र में उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हुए भुवी ने सचिन तेंदुलकर का विकेट लिया। घरेलू क्रिकेट में अब तक तेंदुलकर को शून्य पर आउट करने वाले वे एकमात्र खिलाड़ी हैं।
जैसा कि कुमार बताते हैं, “सचिन को आउट करने के बाद मैं उनसे नज़र नहीं मिला पा रहा था, मैं बहुत डर गया था। जब मैंने उनको आउट किया था तब मुझे समझ नहीं आया था कि वह पल कितना यादगार पल था। अगले दिन जब मैंने न्यूज़ में इस खबर को देखा तब मुझे उस विकेट का महत्व समझ आया। आप कह सकते हैं कि उस विकेट के बाद ही मेरे जीवन में सब कुछ शुरु हुआ। लोग मुझे जानने लगे– और उस समय तक मेरे किए गए हर एक अच्छे प्रदर्शन पर अचानक ही गौर किया जाने लगा।”
एपिसोड में कुमार ने अपने पूरे क्रिकेटिंग करिअर के बारे में बात की– शुरूआती संघर्ष से लेकर अपनी पहचान बनाने के बाद वे कैसे अपने गेम में सुधार लाने में कामयाब बने। यह एपिसोड शनिवार इक्कीस मार्च को क्रिकबज़ पर टेलेकास्ट किया जाएगा।