Friday, May 3, 2024
spot_img
Homeखबरेंगाय का माँस इस्लाम में हराम है

गाय का माँस इस्लाम में हराम है

इत्तेहाद ए मिल्लत कौसिंल के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि इस्लाम में गाय का मीट हराम है।

गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है, वहीं मीट मेडिकल साइंस के अनुसार घातक है। इस्लाम ऐसे किसी काम की इजाजत नहीं देता जो दूसरे की भावनाओं को चोट पहुंचाए।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित सद्भावना महासम्मेलन में कहा कि गोकशी के पीछे भी सांप्रदायिक ताकतें हैं। मुसलमानों को इनसे बचना चाहिए। मौलाना ने कहा कि मुसलमानों को एकजुट होने की जरूरत है। मुसलमानों के शोषण के लिए उनके मतभेद ही जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि एपिडा की रिपोर्ट के अनुसार महज 14 फीसदी मुस्लिम ही मीट कारोबार से जुड़े हैं। मेरठ में केंद्र की सियासत से जुड़े एक व्यक्ति के मीट प्लांट पर प्रशासन की नजर नहीं है, लेकिन मुस्लिम मीट कारोबारियों का व्यापार चौपट किया जा रहा है।

.

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार