यह अवांछित गतिविधि के संकेत के रूप में कमजोर बिखरे हुए प्रकाश का पता लगाने में मदद कर सकता है यह डिटेक्टर 40 माइक्रोसेकंड की त्वरित प्रतिक्रिया प्रदर्शित करता है और कम प्रकाश तीव्रता का पता लगा सकता है इस उपकरण में अल्ट्रावायलेट से लेकर इन्फ्रारेड तक के लिए एक व्यापक स्पेक्ट्रल रेंज है
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर)के वैज्ञानिकों ने सुरक्षा अनुप्रयोगों के लिए सोना – सिलिकॉन इंटरफेस का उपयोग करते हुए एक किफायती एवं ऊर्जा-कुशल वेफर-स्केल फोटोडिटेक्टर (पतले टुकड़े पर आधारित) तैयार किया है। यह अवांछित गतिविधि के संकेत के रूप में कमजोर बिखरे हुए प्रकाश का पता लगाने में मदद कर सकता है।
फोटोडिटेक्टर किसी भी ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक सर्किट का केंद्रहै जो प्रकाश का पता लगा सकता है।इन्हें बाहरी आकाशगंगा से विकिरण का पता लगाने के अलावा सुपरमार्केट में स्वचालित प्रकाश व्यवस्था को नियंत्रित करने से लेकर सुरक्षा से संबंधित अनुप्रयोगों में व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, उच्च प्रदर्शन वाले डिटेक्टर बनाने के लिए सामग्री की लागत और जटिल निर्माण प्रक्रियाओं के कारण दैनिक अनुप्रयोगों के लिए वह काफी महंगे हो जाते हैं।
जेएनसीएएसआर के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया यह आविष्कारउच्च प्रदर्शन वाले फोटोडिटेक्टर के लिए एक सरल और किफायती समाधानआधारित निर्माण विधि प्रदान करता है।इस आविष्कार के बारे में एक रिपोर्ट अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के एप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक मैटेरियल्स पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
वैज्ञानिकों ने सोने (Au) – सिलिकॉन (n-Si) इंटरफेस तैयार किया हैजो प्रकाश के प्रति उच्च संवेदनशीलता दर्शाता है और फोटोडिटेक्शन का प्रदर्शन करता है। Au-Si इंटरफेस को गैल्वेनिक डिपॉजिट द्वारा लाया गया जो धातुओं के इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए एक तकनीक है। इसमें जल आधारित घोल (इलेक्ट्रोलाइट्स) का उपयोग किया जाता हैऔरजिसमें धातुओं को आयन के रूप में जमा किया जाता है। इसके अलावा, एक नैनोस्ट्रक्टेड Au फिल्म भी पी-टाइप साइलिसाइड (धनात्मक चार्ज की अधिकता) के ऊपर जमा की गई जो एक चार्ज कलेक्टर के रूप में कार्य करता है।
घोल यानी विलयनआधारित तकनीक होने के कारण यहविधि काफी सस्ती और डिटेक्टर की प्रतिक्रिया से समझौता किए बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए उपयुक्त है। यह प्रक्रिया काफी तेजी से होती है और किसी भी मध्यवर्ती क्षेत्र का डिटेक्टर बनाने में महज कुछ ही मिनट लगते हैं। मेटल नैनोस्ट्रक्चर ने आने वाले प्रकाश को पकड़ते हुए निर्मित डिटेक्टर के प्रदर्शन को बढ़ाया। इस फोटोडिटेक्टर ने दीर्घकालिक पर्यावरण स्थायित्व का प्रदर्शन किया।
यह डिटेक्टर 40 माइक्रोसेकंड की तीव्र प्रतिक्रिया प्रदर्शित करता है और कम प्रकाश तीव्रता का पता लगा सकता है। इस उपकरण में अल्ट्रावायलेट से इन्फ्रारेड के लिए एक व्यापक वर्णक्रमीय रेंज शामिल है। इसके अलावा, यह प्रतिक्रिया में 5प्रतिशतसे कम भिन्नता वाले पूरे सक्रिय क्षेत्र में उत्कृष्ट एकरूपता दिखाता है। विशेष रूप सेडिटेक्टर स्व-संचालित मोड में संचालित होता है। इसका अर्थ यह है कि डिवाइस को इसके संचालन के लिए बाहरी शक्ति की आवश्यकता नहीं हैऔरइस प्रकार यह ऊर्जा कुशल बनता है। आमतौर पर उपलब्ध सुरक्षात्मक कोटिंग के साथ, कई दिनों तक कठोर परिस्थितियों में रहने वाले उपकरण के लिए उत्कृष्ट पर्यावरणीय स्थिरता दिखाई जाती है। वैज्ञानिकों ने एक प्रोटोटाइप इमेजिंग सिस्टम, लक्स और पावर मीटर के रूप में फोटोडिटेक्टर की उपयोगिता का प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंनेसुरक्षा अनुप्रयोगों के लिए एक टूल के रूप में भी उसे प्रदर्शित किया।
प्रोटोटाइप सुरक्षा प्रणाली
प्रोटोटाइप मेंमॉडल हाउस के भीतरएक फैब्रिकेटेड डिटेक्टर को तुलना के लिए एक उच्च-मूल्य वाले वाणिज्यिक डिटेक्टर के बगल में लगाया गया था। चेतावनी वाले प्रकाश (चित्र में नीली रोशनी) और सुरक्षा बजर को ट्रिगर करने के लिए एक ही बाहरी सर्किट से जोड़ा गया। अवांछित गतिविधि के संकेत के रूप में केवल कमजोर बिखरे हुए प्रकाश के लिए दरवाजा खोल दिया गया है। मानव आंखों द्वारा पता न लगा सकने योग्य निचले स्तर के प्रकाश के साथ डिटेक्टर को सक्रिय किया गया और बजर एवं रोशनी को ऑन किया गया।