Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeसोशल मीडिया सेजिन्होंने कथा को धंधा बनाया वो अब बचाव की मुद्रा में

जिन्होंने कथा को धंधा बनाया वो अब बचाव की मुद्रा में

चाहे इन अरबपति कथा वाचकों ने धंधा ठप होने के डर से माफी मांग ली हो पर इनके वीडियो देख कर ये महसुस ही नही होता कि ये वाकई में अपने किये पर शर्मिंदा है, ये अरबो के मालिक लग्जरी गाड़ियों के काफिले के आदि लोग हिन्दू भावनाओं के लिए माफी नही मांग रहे बल्कि अपनी आमदनी घटने के डर से फार्मलिटी कर रहे हैं ऐसा लगता है इनके माफी वाले वीडियो को देख कर।

जिस खुले दिल से इन्होंने व्यासपीठ से अलिमोला बोल रहे थे उसी खुले दिल से ये माफी नही मांग रहे, बल्कि अगर मगर के साथ फार्मलिटी कर रहे है। खेर चाहे इन्होंने माफी की फार्मलिटी करली हो पर हिन्दुओं की नजर से ये सुविधा भोगी उतर चुके है।

मेरा तो निवेदन है कि हिन्दू समाज इन अरबों खरबों के मालिकों की बजाय उन सन्तों से कथा करवाए जिन्होंने अपना पूरा जीवन और पुरा शरीर सनातन के लिए समर्पित कर दिया है भृष्ट तो गिनती के है पर लाखों सन्त है जो आज भी सनातन के लिए अपनी हड्डियां गला रहे है उन्ही सन्तो को व्यासपीठ ओर सम्मान दोनो दीजिये। इन सुविधाभोगी अरबो के मालिकों ओर व्यासपीठ को छोटा और खुद को बड़ा बताने वाले इन अलीमौलाओ को अब छोड़िये। ओर सनातन की तपस्वी सन्तों से अपनी औलादों को परिचित करवाइए ताकि आने वाली पीढ़ी सेकुलर पाखंड की बजाय सनातनी बने।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार