तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रभात जैन व राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व महामंत्री श्री राजेंद्र गोधा ने कसीनो को लिखा संयुक्त विरोध पत्र
लास वेगस। एक उल्लेखनीय सर्वधर्म पहल के अंतर्गत् ईसाई-हिन्दू-बौद्ध-यहूदी-जैन धर्मगुरुओं ने लास वेगास कैसीनो मांडले बे से अपने फाउंडेशन रूम नाइट क्लब से विभिन्न हिन्दू और जैन देवताओं की मूर्तियों को रखने को अत्यधिक अनुचित बताते हुए उन्हें हटाने का आग्रह किया है।
नेवादा के ग्रीक ईसाई पुजारी स्टीफन आर. करचर, हिन्दू राजनेता राजन जेड, प्रमुख बौद्ध पुजारी मैथ्यू टी. फिशर, प्रसिद्ध यहूदी पुजारी एलिजाबेथ वेब बेयर और प्रसिद्ध जैन विद्वान सुलेख जैन ने नेवादा में एक संयुक्त बयान में आज कहा कि कैसीनो नाइट-क्लब को सजाने के लिए पूजनीय हिन्दू और जैन देवताओं की प्रतिमाओं का उपयोग करना बहुत ही अपमानजनक और निम्नस्तरीय है जिससे इन धर्मों के अनुयायियों की धार्मिक आस्था को भारी क्षति पहुँची है। इन सभी ने कसीनो चलाने वाली कंपनी से सार्वजनिक रूप से क्षमा माँगने के लिए कहा है।
यूनिवर्सल सोसाइटी ऑफ हिन्दू धर्म के अध्यक्ष राजन जेड ने बताया कि भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी सरस्वती, आदि की प्रतिमाएँ कैसीनो नाइट क्लब की सजावट की वस्तु नहीं हैं, उनका स्थान मंदिर या घरेलू पूजा स्थल हैं। इन देवताओं के इस तरह के अपमान से विश्वभर के भक्त आहत हैं। जैन तीर्थंकर की पद्मासन प्रतिमा के साथ मॉडलों की अश्लील हरकतों की तस्वीरें इंस्टाग्राम के माध्यम से भारत में सामाजिक माध्यमों पर प्रसरित होने से जैन समाज में रोष व्याप्त है।
नेवादा के लास वेगास में 11 जून, 2006 को सिनेवेगस फिल्म समारोह में मांडले बे रिजॉर्ट और कैसीनो के अंदर हाउस ऑफ ब्लूज़ फाउंडेशन रूम में स्थित जैन प्रतिमा एक दृश्य। (सिने बकगेस के लिए माइकल बकनर / गेटी इमेजेज द्वारा फोटो)
भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रभात जैन एवं राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व महामंत्री श्री राजेंद्र गोधा ने कसीनो को एक विरोध पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने तीर्थंकर प्रतिमा को स्थानीय जैन समुदाय को सौंपने व नाइट क्लब में प्रतिमा को सजावट की वस्तु के रूप में रखने के लिए व धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने के लिए माफी माँगने का आग्रह किया है।
श्री प्रभात जैन ने भारत में जैन प्रतिमाएँ बनाने वाले मूर्तिकारों के लिए जैन प्रतिमाओं का विक्रय करने आदि के संबंध में एक स्थायी दिशानिर्देश तैयार करने का जैन समाज से आग्रह किया है, जिसमें इस बात जोर दिया जाए कि जैन मूर्तियाँ किसे बेची जाएँ और किसे नहीं, खरीददार के लिए प्रतिमा की स्थापना आदि के लिए नियम निर्धारित किए जाएँ ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। सामान्यतः जैन प्रतिमाएँ प्रतिष्ठाचार्यों के मार्गदर्शन में बनाई जाती हैं, यदि प्रतिमा का निर्माण ठीक से नहीं होता है तो प्रतिष्ठाचार्य कई बार तैयार प्रतिमा की प्रतिष्ठा नहीं करवाते हैं, ऐसी ही प्रतिमाएँ किसी को भी बेच दी जाती हैं, जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए। ऐसी स्थिति में लागत मूल्य पर प्रतिमा संबंधित प्रतिष्ठाचार्य को लेनी चाहिए और आगम के अनुसार उसका विसर्जन या फिर देखरेख का कार्य किया जाना चाहिए।
इससे पूर्व तीर्थक्षेत्र कमेटी के प्रबंधकारिणी सदस्य व राष्ट्रीय अध्यक्ष के निजी सचिव प्रवीण जैन सीएस ने लास वेगस निवासी जैन विद्वान श्री सुलेख सी. जैन से आग्रह किया था कि वे अपने शहर के क्लब में तीर्थंकर भगवंत की प्रतिमा का अपमान रोकने के लिए हस्तक्षेप करें।
तीर्थक्षेत्र कमेटी की ओर से अंतरराष्ट्रीय फर्म सिंघानिया एंड कंपनी, मुंबई के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री प्रदीप जैन ने भारत में अमरीका के राजदूत केनेथ आई. जस्टर व भारतीय विदेश मंत्री श्री जय शंकर को लिखा है कि वे जैन व हिन्दू धर्म की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए फाउंडेशन रूम नाइट क्लब से सभी जैन व हिन्दू प्रतिमाओं को हटाया जाए। विदेश मंत्रालय व भारत में अमरीका के राजदूत कार्यालय के अधिकारियों ने फोन पर एडवोकेट प्रदीप जैन को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
इसके साथ ही एडवोकेट श्री प्रदीप जैन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 35, 295 व 295 क तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66क के अंतर्गत फेसबुक व इंस्टाग्राम को आपत्तिजनक तस्वीरें हटाने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है जिसमें उन्हें तीन दिनों का समय दिया गया है। यदि तीन दिनों में ये तस्वीरें नहीं हटाई जाती हैं तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
जैन धर्म विश्व के प्राचीनतम् धर्मों से एक है, जिसके अनुयायी भले ही कम हों पर उसके अहिंसा, शाकाहार, अपरिग्रह, स्वाद्वाद व अनेकांत के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक व सार्वभौमिक हैं। लास वेगस निवासी श्री सुलेख सी. जैन ने जोर देकर कहा कि भगवान महावीर की प्रतिमा का सही स्थान एक मन्दिर है न कि कोई नाइट क्लब । उन्होंने सुझाव दिया है कि मांडले बे कैसीनो तीर्थंकर प्रतिमा को स्थानीय जैन मंदिर को सौंप दे और जैन समुदाय इसका खुशी से भुगतान करेगा।
ज्ञात हो कि फाउंडेशन रूम नाइट क्लब का संचालन एमजीएम रिसॉर्ट्स इंटरनेशनल करती है, जो एक एस एंड पी 500 वैश्विक मनोरंजन कंपनी है। अमरीका में कंपनी के 29 होटल, कसीनो व नाइट क्लब संचालित होते हैं।
अंतर्जाल पर उपलब्ध चित्रों से पता चलता है कि नाइट क्लब में यह प्रतिमा वर्ष 2006 के पहले से विद्यमान है, यह प्रतिमा किसने बेची और वह अमरीका कैसे पहुँची यह जाँच का विषय है। नाइट क्लब में आने वाली लड़कियों ने प्रतिमा के साथ अश्लील हरकतें करते हुए तस्वीरें इंस्टाग्राम व अन्य सामाजिक माध्यमों पर पोसट की थीं जो बाद में लगातार प्रसरित हो रही हैं और जन-जन में रोष व्याप्त है कि हमारे पूज्य भगवंतों का अपमान क्यों किया जा रहा है?
अमरीका जैसे सभी पश्चिमी देशों में पहले भी हिन्दू देवी देवताओं का अपमान होता रहा है, यह पहली बार है जब किसी जैन तीर्थंकर की प्रतिमा का अपमान करने का प्रकरण प्रकाश में आया है।
संपर्क-
प्रवीण जैन
9819983708
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