मुंबई। 22 मार्च, 2020 से घोषित पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम रेलवे पर 22 जून, 2020 तक 3 महीनों के दौरान मालगाड़ियों के 7,100 रेकों की सराहनीय लोडिंग करके 7 हज़ार का बड़ा ऑंकड़ा पार कर लिया गया है, जिसमें पीओएल के 785 रेक, उर्वरक के 1051, नमक के 396, खाद्यान्न के 75, सीमेंट के 424, कोयले के 256, कंटेनरों के 3656 और जनरल माल के 35 रेक मुख्य रूप से शामिल हैं। इनके ज़रिये 14.60 मिलियन टन की आवश्यक सामग्री पश्चिम रेलवे द्वारा उत्तर पूर्वी क्षेत्र सहित देश के विभिन्न राज्यों में पहुॅंचाई गई। इसके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के 354 रेक आवश्यक वस्तुओं जैसे दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध को उत्तरी और उत्तर पूर्व क्षेत्र में भेजने के लिए चलाये गये। कुल 14,076 फ्रेट ट्रेनों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 7048 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 7028 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इस अवधि के दौरान, जम्बो के 916 रेक, BOXN के 510 रेक और BTPN के 420 महत्वपूर्ण आवक रेक श्रम शक्ति की कमी के बावजूद अनलोड किये गये।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 23 मार्च से 22 जून, 2020 तक पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 355 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से 63 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन किया गया है, जिसमें कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से अर्जित आय लगभग 20.18 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 47 दुग्ध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें 35 हजार टन से अधिक भार था और वैगनों के 100 % उपयोग के फलस्वरूप लगभग 6.05 करोड़ रु. का राजस्व उत्पन्न हुआ। इसी तरह, लगभग 25 हजार टन के भार वाली 302 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 12.79 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 2838 टन भार वाले 6 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे लगभग 1.34 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। 23 जून, 2020 को एक पार्सल विशेष ट्रेन पोरबंदर से शालीमार के लिए रवाना हुई।
लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी
श्री भाकर ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे की कुल कमाई का नुक़सान 1429 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 206.03 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1223.07 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 359.18 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 169.13 करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। अब तक, 55.02 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी वापसी राशि प्राप्त की है।