मुंबई। 4 अगस्त, 2020 को भावनगर मंडल से बांग्लादेश के लिए प्याज़ के लोडेड वैगनों के साथ सबसे पहली मालगाड़ी के प्रस्थान की शानदार कामयाबी के बाद, पश्चिम रेलवे ने गुजरात में अहमदाबाद मंडल से बांग्लादेश के लिए पहली पार्सल विशेष ट्रेन चलाने का फैसला करके एक और अनूठी उपलब्धि हासिल की है। इस ट्रेन में लोडिंग 8 अगस्त, 2020 को पश्चिम रेलवे के अंतर्गत अहमदाबाद डिवीजन के काॅंकरिया गुड्स शेड में शुरू की जायेगी और लोडिंग पूरी होने के बाद उसी दिन शाम तक ट्रेन के रवाना होने की सम्भावना है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल और प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक श्री शैलेन्द्र कुमार के ऊर्जावान नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन में अहमदाबाद मंडल की नवगठित बिज़नेस डेवलपमेंट यूनिट की यह अनूठी उपलब्धि भारतीय रेलवे पर पार्सल कारोबार के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बांग्लादेश के बेनापोल स्टेशन के लिए अहमदाबाद पार्सल कार्यालय में वीपीयू रेक के लिए 20 वीपीयू और 1 एस एल आर का एक इंडेंट हाल ही में जारी किया गया है, जिसमें अत्यावश्यक सामग्री एकत्रित करने की अनुमति 8 अगस्त, 2020 तक दी गई है। इस रेक में भरी जाने वाली वस्तुओं में 15 वीपीयू में डेनिम कपड़ा और 5 वीपीयू में रंगने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री लोड की जायेगी। ऐसा यातायात अहमदाबाद मंडल में पहली बार सुनिश्चित किया गया है और इससे लगभग 31 लाख रु. के राजस्व की प्राप्ति होगी। यह बांग्लादेश के लिए अहमदाबाद डिवीजन की पहली पार्सल विशेष ट्रेन है, जो बांग्लादेश में बेनापोल तक पहुॅंचने के लिए 2110 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
श्री ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों के लिए चलाई जा रही विशेष समयबद्ध पार्सल ट्रेनों का सिलसिला जारी रखने के क्रम में अब तक कुल 448 विशेष ट्रेनों का परिचालन किया गया है। 7 अगस्त, 2020 को बांद्रा टर्मिनस – जम्मू तवी, पोरबंदर – शालीमार, करम्बेली- न्यू गुवाहाटी और पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए एक दूध स्पेशल ट्रेन सहित कुल चार पार्सल स्पेशल ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं। 23 मार्च से 6 अगस्त, 2020 तक कुल 92 हज़ार टन वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 448 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 29 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 69 दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें लगभग 52 हजार टन भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 9 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ। इसी तरह 361 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाॅं 32 हजार टन भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 16.31 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 7858 टन भार वाले 18 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 4.09 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 6 अगस्त, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 11,342 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 23.27 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 22,155 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 11,059 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 11,096 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये।
लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुक़सान लगभग 2040 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 304 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 1736 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 6 अगस्त, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 410.64 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 197.22 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 63.22 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।