जम्मू-कश्मीर में बीते 30 साल आतंकवाद ने जमकर हिन्दू और कश्मीर की हिन्दू पहचान पर कुठाराघात किया। इस कारण यहां के हजारों साल के इतिहास को नजरअंदाज कर दिया गया है। जबकि कश्मीर सिर्फ पिछले 30 साल की कहानी नहीं है और न ही 70 साल की। घाटी के कई हिस्सों में बिखरे हुए इतिहास के अवशेष यह बात सिद्ध करते हैं कि इस जगह की कहानी बेहद प्राचीन और गौरवमय है। लेकिन इस इतिहास को नष्ट और नजरअंदाज करने की कोशिश लगातार हो रही है।
कश्मीर में इस तरह की धारणा बनाने की कोशिश की जाती रही जिससे कि घाटी के हिंदू इतिहास को नकारा जाए और सिर्फ इस्लाम का वर्चस्व रह जाए। इसी योजना के तहत घाटी के मूल निवासी कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया गया और पूरे समुदाय को घाटी से निकाल दिया गया। कारण यह था कि कश्मीरी पंडित घाटी के 5,000 साल पुराने इतिहास के वंशज हैं। उनके मंदिर, जीवनशैली और संस्कृति असली कश्मीर को दर्शाती है।
कश्मीर में इस्लाम 13वीं शताब्दी में आया और उसने बलपूर्वक लोगों का कन्वर्जन कराया। कई मंदिर तोड़े गए और हजारों साल की संस्कृति को नष्ट करने के लिए मुस्लिम हमलावरों ने कोई कसर न छोड़ी। अत्याचारी और विनाशकारी नीति के बावजूद मुस्लिम शासक कश्मीर के इतिसास को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर पाए।
आज भी कश्मीर में हजारों साल पुरानी धरोहर मौजूद हैं, जिसके बारे में देश बहुत कम जानता है। घाटी में इस्लामवादी हुकूमतों के रहते गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग, डल झील और मुगल बागानों के अलावा किसी अन्य जगह को कभी भी महत्व नहीं दिया गया। अमरनाथ यात्रा को छोड़कर कश्मीरी पंडितों के अन्य धार्मिक स्थानों को महत्व नहीं दिया गया। यहां तक कि हजारों साल पुराने मंदिरों के रखरखाव के लिए कुछ भी नहीं किया गया। अनुच्छेद 370 की आड़ में यहां भारतीय पुरातत्व विभाग को काम नहीं करने दिया गया। बाकी कसर आतंकवाद ने पूरी कर दी।
आतंकवाद के कारण कश्मीर घाटी इस्लाम का अखाड़ा बना दी गई, लेकिन वास्तव में वह महान राजा ललितादित्य (राज्यकाल 724-761 ई.) की भूमि है। इस हिंदू राजा ने अरबी और तुर्क आक्रमणकारियों को छठी के दूध की याद दिलाई थी। कल्हण की ‘राजतरंगिणी’ में इनके पराक्रम का बखान किया गया है। ललितादित्य ने कश्मीर में कई अद्भुत मंदिर बनवाए, जिनके अवशेष आज भी घाटी में हैं। मार्तण्ड सूर्य मंदिर कश्मीर के अनंतनाग में स्थित है। यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है। इन्होंने ही गांदरबल जिले में स्थित वांगथ मंदिरों का निर्माण कराया था। यहां लगभग 200 मीटर की दूरी पर एक-दूसरे की तरफ मुख किए हुए कई मंदिरों का एक समूह है, जो भगवान शिव को समर्पित है। पर हमलावरों और समय ने इन मंदिरों को खण्डहर में तब्दील कर दिया है। दुर्भाग्य की बात है कि जम्मू-कश्मीर में इस महान महाराजा की कोई चर्चा नहीं होती और न ही देश को इस वीर पुत्र के बारे में कोई खास जानकारी है।
जिस तरह से महाराजा ललितादित्य को कश्मीर और देश के इतिहास में कोई खास स्थान नहीं मिला, उसी तरह से कश्मीर की अंतिम हिंदू शासक कोटा रानी की भी इतिहासकारों ने उपेक्षा की है। जबकि 14वीं शताब्दी में कोटा रानी ने अपनी अंतिम सांस तक घाटी को इस्लामी आक्रमणकारियों से बचाने का प्रयास किया था।
कश्मीर में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनकी कहानियां अद्भुत हैं। एक प्राचीन कहानी के अनुसार कश्यप ऋषि ने सतीसर से पानी निकाला था, लेकिन कुछ हिस्से में गहरा जल जमाव बना रहा। इस झील में जलोद्भव नाम के एक राक्षस ने आश्रय लिया। उसने अपने आतंक से निवासियों का जीना दूभर कर दिया था। निराशा से भरे लोगों ने देवी दुर्गा से सहायता के लिए प्रार्थना की। राजतरंगिणी के अनुसार, मां दुर्गा ने अपने भक्तों की पुकार सुनी और एक पक्षी का रूप धारण कर अपनी चोंच में एक कंकड़ लिया और इसे झील पर गिरा दिया। कंकड़ आकार में बढ़ गया और उसने एक पहाड़ी का रूप लिया जिससे राक्षस कुचला गया। इस प्रकार बनी पहाड़ी को हरि पर्वत या शरिका पर्वत का नाम मिला और इस प्रकरण से कश्मीर अस्तित्व में आ गया। इस पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मंदिर माता देवी का निवास स्थान है जिससे चक्रेश्वरी या शारिका भगवती के नाम से जाना जाता है।
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार 4,000 साल पहले देवी मां ने श्रीलंका से आकर कश्मीर के तुलमुल में एक नया निवास पाया था। पौराणिक कथा के अनुसार, एक कश्मीरी कृष्ण पंडित को सपने में देवी मां ने इस पवित्र स्थान के बारे में बताया। कहा जाता है कि इस मंदिर की खोज में कृष्ण पंडित की मदद एक सांप ने की थी। कल्हण की राजतरंगिणी और अबुल फजल के अकबरनामा में तुलमुल में स्थित खीरभवानी के मंदिर का जिक्र किया गया है। 1898 में स्वामी विवेकानंद तुलमुल मंदिर में दर्शन के लिए आए थे। उन्होंने बाद में अपने भक्तों को बताया कि उन्हें यहां पर एक अलौकिक अनुभूति हुई।
घाटी के अधिकतर लोग शिव और शक्ति-पूजक माने जाते हैं। आदि शंकराचार्य ने घाटी में आकर शक्ति पंथ (देवी की महानता) को स्वीकार कर लिया और शक्ति की उपासना में ‘सौंदार्यलहरी’ लिखी। भारत की ज्ञान-परंपरा में कश्मीर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शारदापीठ, जो पाकिस्तान अधिक्रांत कश्मीर में स्थित है, संपूर्ण भारत की ‘सर्वज्ञ पीठ’ मानी जाती है। कश्मीर ने आचार्य अभिनवगुप्त, वसुगुप्त, कल्हण, बीलहण, लल्लेश्वरी, रूपाभवानी समेत अनेक महान, आध्यात्मिक व्यक्तित्व कश्मीर ने देश को दिए हैं, लेकिन इन सबका आधुनिक इतिहास में कोई खास उल्लेख नहीं है। कश्मीर में शैवदर्शन, शक्तिदर्शन, तांत्रिक, बौद्ध जैसी परंपराओं का संगम रहा है। देश को शारदा लिपि दी, लेकिन आज यह लिपि लुप्त होने के कगार पर है।
पिछले 70 साल में कश्मीर में हिंदू परंपरा को नकारने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए। अनुच्छेद 370 की आड़ में घाटी की संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश की गई। कश्मीर में आज भी ज्यादातर नगरों और गांवों के नाम संस्कृत में हैं, लेकिन पाकिसतान परस्त अलगाववादियों ने इन नामों को मुस्लिम नामों में बदलने की पूरी कोशिश की। जैसे कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग को अब ‘इस्लामाबाद’ कहा जाने लगा, शंकराचार्य पहाड़ी को ‘सुलेमानटेंग’ का नाम देने की कोशिश की गई। आतंकवाद के द्वारा घाटी में संस्कृति और हिंदू परंपरा को नष्ट करने की पूरी कोशिश की गई। इस प्राचीन परंपरा को संजोए रखने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय को ही घाटी से निकाल दिया। घाटी से बाहर अपनी परंपरा को बचाए रखने की चुनौती इस समुदाय के सामने है। लेकिन वक्त बदलने के बाद अब एक आस जगी है। लगने लगा है कि मजहबी जिहाद में रौंदा गया कश्मीर फिर से अपनी हिन्दू पहचान के साथ उभरेगा।
साभार- https://www.panchjanya.com/ से
कश्मीर घाटी में 1986 से 1996 के दौरान तोड़े गए मंदिरों की सूची
1986:
SRINAGAR1. Ganpatyar temple, Srinagar Stoning and Arson..
2. Bhairav temple, Maisuma Stoning and Arson.
3. Temple in front of Gurudwara at Amiradadal ransacked.
4. Shiv temple, Jawaharnagar stoning and arson .
5. Bhairav Mandir, Karan Nagar ransacked and Carpet burnt.
6. Shiv temple near secretariat stoning and arson .
7. Shiv Mandir, Chota Bazar-Local muslims rioters attacked the temple and police resorted
to firing to disperse the muslims.
8. Narayan Math Mandir in Tulsi Bagh arson and stoning.
ANANTNAG
9. Gautam nag mandlr at Sarnal – set on fire – heavy damage; 3 out of four rooms
destroyed.
10. Shivalay Mandir, Nai Basti – heavy stoning, ransacked.
11. Temple at Wanpoh on Khanabal-Qazigund Road – set on fire – heavy damage.
12. Another temple at Vanpoh – set on fire – heavy damage.
13. Temple at Aishmuqam – Idol damaged and temple ransacked.
14. Temple at Dhanbogund, Kulgam – set on fire – heavy damage.
15. Navgam temple, Shangas – Heavy stoning – heavy damage.
16. Achhabal temple near Navgam – Heavy stoning – heavy damage .
17. Temple in Lokbhavan village of Thana Qazigund –ransacked.
18. Second temple in Lokbhavan village of Thana Qazigund –ransacked.
19. Third temple in Lokbhavan village of Thana Qazigund –ransacked.
20. Forth temple in Lokbhavan village of Thana Qazigund –ransacked.
21. Harish Chandra Seva Mandir, Beejbehara – idols destroyed ransacked the temple.
22. Devi Mandir, village Karebal Beejbehara –Idols damaged and temple ransacked.
23. Shivalay Mandir, Janglat Mandi, Anantnag town –ransacked and heavy damage.
24. Temple of Dyalgam – ransacked and heavy damage.
25. Temple at Fatehpura village, Qazigund Tehsil – Temple was set
on fire – heavy damage.
26. Temple at village Siligam, Thana Aishmuqam – ransacked
PULWAMA
27. Shiv Mandir at village Koil, Thana Pulwama – arson and looting.
28. Temple at village Trisal, Thana Pulwama –destroyed Idols, stole microphone. Boundary wall broken.
BARAMULLAH
29. Kali Mandir in Jamla Kadal Mohalla, Sopore –arson.
30. Fatapura temple, Sopore – stoning.ANANTNAG
31.Chandi Puiarl temple, Vyosu Thana Qazigund) – Arson and looting.
BADGAM
32. Sharda Devi temple, Yalkot (Thana Badgam) – arson and one part of the temple burned.
33.Shiv Temple, Sanghampura – (Thana Biru) – building damaged.
34. Shiv Mandir, Magam (Thana Vodura) – arson
BARAMULA
35. Temple in Bandipore – stoning and arson
36. Temple in Bandipore – arson
1988
SRINAGAR
1. Ram Mandir, Maharajganj, Shrinagar – arson and looting.
2. Shiv Mandir, Sarafkadal, Shrinagar – stoning and arson.BARAMULLA
3. Shiv Mandir, Bandipur – arson and looting – Heavy damage.
4. Shri Raghunath Mandir, Barmulla – Bomb explosion in Mandir.
PULWAMA DISTRICT
5. Shiv temple, Shopian – Temple burned down and fully destroyed; heavy damage.
6 . Local tempIe in Tral – Arson and looting – Heavy damage.
ANANTNAG
7. Devi Mandir, Anantnag – arson and looting.
DODA
8. Basaknag mandir, Bhadrawah – arson and looting.
1989:
SRINAGAR
1. Shri Ram mandir’s Hall, Barbarshah Shrinagar – Bomb explosion.
2. Shiv Mandir Chota Bazar, Shrinagar, Mandir burned looted and fully damaged.
3. Shri Raghunath Mandir, Shrinagar – arson and looting.
4. Building of Ramkrishna Ashram, Chota Bazar, Shrinagar-arson
PULWAMA
5. Suchcha Nath Mandir, Shopian – arson looting and burning– heavy damage.
BADGAM
6. Shri Ram Mandir, Badgam – destroyed; idols looted – heavy damage.
7. Rama Mandir, Udhampur – heavy damage
DODA
8. Supernag Temple – Idols looted and temple burnt.
9. Siv Mandir Kiratwar – explosion on 2nd Nov. – minor damage.
10. Buichhal Mandir – explosion on 10th Nov. – heavy damage.
11. Temple in Kulharad village – arson burning and looting, heavy damage.
12 Temple in Bharat village – arson and looting – heavy damage.
1990:
SRINAGAR
1. Arya Samaj Mandir and School, Shrinagar – Bomb explosion on 10th Feb.
2. Shri Raghunath Mandir, Shrinagar – arson and looting.
3. Arya Samaj Mandir and School Wazir Bagh, Shrinagar –Bomb explosion on 21st July –
heavy damage.
4. Shri Ram Mandir, Babarshah Shrinagar – Conference Hall attacked with rocket on 2nd
Sept
5. Shitalnath Mandir, Shrinagar – arson and looting on 18th Nov. heavy damage.
ANANTNAG
6. Lakshmi Mandir, Bijbehara – arson and looting on 4th August – Heavy damage.
BARAMULLA
7. Sharda Mandir, Kalusa, 8andipur-arson and looting. Heavy damage.
KUPWARA
8. Handura Mandir – Idols destroyed and many Idols were taken away. Temple Precincts desecrated. Heavy loss and destruction.
1991:
ANANTNAG
1. Nagbal Mandir, Anantnag – Bomb Explosion .
2. Shri Raghunath Mandir, Anantnag – Bomb Explosion, – minor damage
3. Shri Raghunath Mandir, Anantnag – Grenade thrown
SRINAGAR
4. Shri Raghunath Mandir, Shrinagar – arson and looting of seven houses of Hindus and two
temples.
5. Shri Raghunath Mandir, Shrinagar –arson and looting.
1992
1. Raghunath Mandir, Karafali Mohalla, Shrinagar – Stoning , Arson and looting.
2. Temple in Anantnag – Stoning , Arson and looting.
3. Temple in Shrinagar – Arson and looting.
4. Temple in Kulgam, Anantnag – Stoning , Arson and looting.
5. Shiv Mandir, Sherpore Kund – Stoning , Arson and looting.
6. Temple at Karichhama – Tang Marg, Baramulla – Stoning , Arson and looting.
7. Temple in Baramulla on Kungar Tang Road – Stoning , Arson and looting.
8. Shri Vishnu Temple, on the Bank of River Jhelum Stoning , Arson and looting.
9. Kuvi Utraso Temple Anantnag – Stoning , Arson and looting.
10. Temple of Chitergund, Anantnag – Stoning , Arson and looting.
11. Temple of Bana Mohalla, Shrinagar – Stoning , Arson and looting.
12. Karfali Mohalla, Shrinagar – Stoning , Arson and looting.
13. Samshan Bhoomi Temple, Karannagar, Srinagar – Stoning , Arson and looting.
14. Narsingh Bagh – Shadipur Temple, Ganderbal, Shrinagar – Stoning , Arson and looting.
15. Nandkishore Temple, Sumbal, Baramulla – Stoning , Arson and looting.
16.Temple of Pahalgam, Anantnag. Stoning , Arson and looting.
17. Temple, Verinag, Anantnag. Stoning , Arson and looting.
18. Second Temple Verinag, Anantnag. Arson and looting.
19.Third Temple, Verinag, Anantnag. Stoning , Arson and looting.
20. Fourth Temple, Verinag, Anantnag. Arson and looting.
21. Fifth Temple, Verinag, Anantnag Arson and looting.
22. Sixth Temple, Verinag, Anantnag. Arson and looting.
23. Temple in Tragaon, Kupwara – Arson and looting.
24. Temple in Pattan, Baramulla – Arson and looting
कश्मीर घाटी में तोड़े गए मंदिरों की विस्तृत जानकारी इस पुस्तक में उपलब्ध है
Hindu Temples – what Happened to them
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