मुंबई डिवीज़न के अंतर्गत मध्य और पश्चिम रेलवे की होर्डिंग की आय बढ़ने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को उपलब्ध कराई जानकारी में सामने है। दोनों रेलवे ने आय के मामले में मध्य रेलवे की तुलना में पश्चिम रेलवे काफी आगे है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मध्य और पश्चिम रेलवे से होर्डिंग की जानकारी मांगी थी। मध्य रेलवे के वरिष्ठ विभागीय वाणिज्यिक प्रबंधक गौरव झा ने अनिल गलगली को 7 स्थानों की वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 इन 5 वर्षो का ब्यौरा दिया है।
मध्य रेलवे की वर्ष 2015-16 में 5.92 करोड़, वर्ष 2016-17 में 5.98 करोड़, वर्ष 2017-18 में 6.60 करोड़, वर्ष 2018-19 में 9.23 करोड़ और वर्ष 2019-20 में 11.35 करोड़ आय है।
पश्चिम रेलवे के मंडल वाणिज्य अभय सानप ने अनिल गलगली को वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 इन 5 वर्षो का ब्यौरा दिया है। सानप ने दावा किया कि मांगी गई जानकारी विस्तृत है इसलिए गलगली को कार्यालय में दस्तावेज को निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया गया है। वर्ष 2015-16 में 33.15 करोड़, वर्ष 2016-17 में 35.77 करोड़, वर्ष 2017-18 में 40.01 करोड़, वर्ष 2018-19 में 40.18 करोड़ और वर्ष 2019-20 में 54.48 करोड़ आय है।
अनिल गलगली के अनुसार कई स्थानों पर जो जगह अलॉट की गई है उससे अधिक जगह का इस्तेमाल होता है लेकिन जब तक शिकायत नहीं होती है तब तक ऐसे मामले में सामने आते नहीं है। रेलवे प्रशासन को ऐसी जानकारी आरटीआई की धारा 4 के तहत ऑनलाइन करनी चाहिए ताकि हर एक नागरिक की नजर बनी रहे। इसके लिए जांच दल की आवश्यकता है और शिकायत की प्रतीक्षा करने के बजाय अचानक जायजा लिया जाएगा तो अनियमितता सामने भी आएगी और रेलवे प्रशासन का डूबने वाला राजस्व की बचत होगी।