Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तिराष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार–2020 में पश्चिम रेलवे ने तीन पुरस्‍कारों के साथ...

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार–2020 में पश्चिम रेलवे ने तीन पुरस्‍कारों के साथ मारी बाजी

मुंबई। अपने ग्राहकों को स्वच्छ एवं हरित परिवहन प्रदान करने के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने ऊर्जा मंत्रालय के “ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी” (बी ई ई) विभाग द्वारा 2020 के लिए ‘परिवहन’ और ‘भवन – सरकारी कार्यालय’ श्रेणी में तीन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्राप्त कर शानदार उपलब्धि हासिल की है। पश्चिम रेलवे को परिवहन श्रेणी में प्रथम पुरस्कार तथा भावनगर और राजकोट के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालयों को भवन श्रेणी में क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार मिला है। यह प्रशंसनीय उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के ऊर्जावान नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन के फलस्वरूप सम्भव हो पाई है। 11 जनवरी, 2021 को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने वर्चुअल रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में माननीय केन्‍द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह से यह पुरस्‍कार ग्रहण किया। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने पश्चिम रेलवे को हरित एवं पर्यावरण मित्रवत बनाने में प्रमुख मुख्‍य बिजली इंजीनियर एवं उनकी टीम के अथक प्रयासों की सराहना की और उन्‍हें तीन प्रतिष्ठित पुरस्‍कारों की उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह उच्चतम सम्मान विभिन्न उपायों को अपनाते हुए ऊर्जा संरक्षण में महत्वपूर्ण सुधार के लिए पश्चिम रेलवे को प्रदान किया गया है। पश्चिम रेलवे द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिए अपनाये गये कुछ महत्त्वपूर्ण उपाय और प्रमुख उपलब्धियों का विवरण इस प्रकार है :-

* वर्ष 2019-20 के दौरान पश्चिम रेलवे पर कुल 664 रूट कि.मी. का विद्युतीकरण कार्य किया गया, जो पूरी भारतीय रेल पर सर्वाधिक रहा। इलेक्ट्रिक ट्रैक्‍शन के शुरू होने से परिवहन की कार्यकुशलता में सुधार हुआ है और डीज़ल की खपत कम होकर कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी सुनिश्चित की जा सकी है।

* पश्चिम रेलवे द्वारा ‘हेड ऑन जनरेशन’ के साथ 67 जोड़ी नियमित ट्रेनों के परिचालन के फलस्वरूप कोचों की पावर सप्लाई के लिए डीज़ल जनरेटर सेट का उपयोग बंद कर दिया गया है, जिससे लगभग 50 करोड़ रु. की बचत हुई है।

* विभिन्न रेलवे स्टेशनों, कार्यालयों एवं सर्विस बिल्डिंग पर 8.67 मेगावॉट की पॉवर क्षमता वाले रूफटॉप सोलर प्लांट्स की व्यवस्था की गई है। इन संयंत्रों द्वारा 5.47 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 2.25 करोड़ रु. प्रति वर्ष की बचत हुई है।

* कार्यालयों तथा सर्विस बिल्डिंगों में ऊर्जा की बचत करने वाले 5 स्टार रेटिंग के बिजली उपकरणों का व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है।

* सभी स्टेशनों, सेवा भवनों और आवासीय क्वार्टरों में ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइटें लगाई गई हैं, जिनके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष लगभग 12 करोड़ रुपए की बचत होती है।

* तीन – चरणों वाली प्रौद्योगिकी की शुरुआत और ड्राइविंग तकनीक में सुधार ने एस ई सी में 15% सुधार में मदद की है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 15 करोड़ की कुल बचत होती है।

श्री ठाकुर ने बताया कि भवनों की श्रेणी में पश्चिम रेलवे के भावनगर और राजकोट मंडलों को इन मंडलों द्वारा गैर-कर्षण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने हेतु किये गये उत्कृष्ट प्रयासों के लिए क्रमशः प्रथम और द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि पश्चिम रेलवे आने वाले वर्षों में भी ऊर्जा दक्षता एवं स्वच्छ पर्यावरण के प्रति कार्य निष्पादन को और अधिक बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध और प्रयासरत रहेगी।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार