मुंबई। धारावी का विकास होते होते थम सा गया है। लेकिन सरकार ने विभिन्न काम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना पर पिछले 15 वर्षों में 31.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर किए गए खर्च के बारे में पूछताछ की थी। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने अनिल गलगली को पिछले 15 वर्षों में किए गए खर्चों की एक सूची प्रदान की। इसमें 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक 15 वर्ष शामिल हैं। 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक धारावी पुनर्विकास परियोजना पर 31 करोड़ 27 लाख 66 हजार 148 रुपये खर्च किए गए हैं। पीएमसी चार्ज पर 15.85 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया है। विज्ञापन और प्रसार पर 3.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए। व्यावसायिक शुल्क और सर्वेक्षण पर 4.14 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कानूनी फीस पर 2.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) का सरकारी संकल्प 4 फरवरी, 2004 को जारी किया गया था। अनिल गलगली ने अफसोस जताया कि पिछले 17 वर्षों में एक इंच का पुनर्विकास नहीं हुआ है और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। यदि सरकार निजी डेवलपर के बजाय धारावी को पुनर्विकास करती है, तो एक बड़ा हाउसिंग स्टॉक बन जाएगा और सरकार की तिजोरी भर जाएंगी, यह कहते हुए, अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री डॉ जितेंद्र आव्हाड को एक पत्र भेजा है।