कोटा। जिला मुख्यालय पर आजादी के अमृत महोत्सव का आगाज विगत शुक्रवार को सांकेतिक दांडी मार्च के साथ किया गया। ऐतिहासिक गांधी चौक पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण के बाद दांडी यात्रा आर्य समाज रोड़ से हिन्दू धर्मशाला होकर रामुपरा बाजार स्थित महात्मा गांधी विद्यालय पहुंची जहां संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन में दांडी यात्रा का विषेष योगदान है इस आन्दोलन ने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ व्यापक जन संघर्ष का कार्य किया तथा सम्पूर्ण देष में एकता की भावना प्रबल हुई। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में अनगिनत नागरिकों ने जाति, धर्म, सम्प्रदाय एवं विचारधारा से ऊपर उठकर देष की आजादी के लिए जो संघर्ष किया वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि जो देष या समाज इतिहास को याद नहीं रखता वह स्वयं भी एक दिन मिट जाता है, ऐसे में हमें इतिहास से प्रेरणा लेकर देष की आजादी को अक्षुण्य बनाये रखना है। उन्होंने गांधी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनके संदेष और विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की आवष्यकता बताई। उन्होंने बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव तथा गांधी जयंती समारोह की श्रृंखला में वर्षभर विभिन्न दिवसों पर आयोजन किये जाकर युवाओं को ऐतिहासिक घटनाओं व महापुरूषों के संघर्ष से रूबरू कराएंगे।
गांधी जयन्ती समारोह समिति के जिला समन्यवयक पंकज मेहता ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव एवं महात्मा गांधीजी की 150 वीं जयंती समारोह के तहत आयोजित किये जा रहे कार्यक्रम युवाओं के लिए प्रेरणादायक हांेगे। उन्होंने कहा कि युवा गांधीजी के विचारों को समझे और आत्मसात करें तो निष्चित रूप से देष में भाईचारा एवं सौहार्द बढ़कर तेजी से विकास होगा। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विष्व के विचारक महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करते हुए जीवन में बड़ा बदलाव लाये हैं युवाओं को अहिंसा के व्यापक अर्थ को समझना होगा। उन्होंने कहा कि गांधीजी के अनुसार अहिंसा केवल प्राणों की रक्षा के लिए नहीं वरन मन, कर्म और वचन से किसी की भावना को क्षति नहीं पहंुचाने पर है। उन्होंने वर्षभर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं की भागीदारी बढ़ानेे, महापुरूषों के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का आव्हान किया।
गांधीवादी विचारक नरेष विजयवर्गीय ने कहा कि दांडी मार्च के माध्यम से महात्मा गांधी ने स्वतन्त्रता आन्दोलन को जन-जन का आन्दोलन बना दिया था। 1930 में साबरमति आश्रम से समुद्र किनारे दांडी गांव तक 78 साथियों के साथ 390 किमी की यात्रा के माध्यम से नमक कर का विरोध कर ना केवल आम नागरिकों की भावना को जोड़ा बल्कि अंग्रेजी हुकुमत की नींव हिला दी थी। कार्यक्रम में संगीत विद्यालय रामपुरा द्वारा गांधी जी के प्रिय भजनों को गाकर सुनाया।
इस अवसर पर आयुक्त नगर निगम उत्तर वासुदेव मालावत, मुख्य जिला षिक्षा अधिकारी हजारीलाल षिवहरे ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में गांधी जयंती समारोह समिति के उपाध्यक्ष संदीप दिवाकर, जिला षिक्षा अधिकारी गंगाधर मीणा, जिला खेल अधिकारी अजीम पठान, स्काउट गाईड सचिव यज्ञदत्त हाड़ा, स्थानीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं षिक्षाधिकारी, विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने षिरकत की।