पर्यटन मंत्रालय ने 30 मार्च, 2021 को देखो अपना देश श्रृंखला के तहत अपना 82वां वेबिनार आयोजित किया, जिसका शीर्षक था – “मदुरै की कहानियां”। मदुरै, सबसे पुराने शहरों में से एक है, जो तमिलनाडु की आत्मा को अपने शानदार और भव्य मंदिरों में संजोए हुए है। ये मंदिर बेहतरीन हैं और देश में वास्तुकला के सबसे विस्मयकारी उदाहरण हैं। इनमें से सबसे शानदार, मीनाक्षी-सुंदरेश्वर मंदिर है, जो शहर के दिल की धड़कन है और हजारों भक्त इसे देखने के लिए आते हैं। मदुरै कभी प्राचीन रोम के साथ व्यापार करता था और इसने विभिन्न कलाओं और वस्त्रों में अपने विशिष्ट चरित्र को बचाए रखा है, जिन्हें पांडियन राजाओं (चौथी शताब्दी – सोलहवीं शताब्दी) द्वारा संरक्षण दिया गया था।
किंवदंती है कि राजा कुलशेखर ने एक बार भगवान शिव का सपना देखा था, जिनके बाल से, शहद (अमृत) की बूंदें पृथ्वी पर टपक गई थीं। जिस स्थान पर वे बूंदें गिरीं थीं, उसे मधुरापुरी के नाम से जाना जाता था। इसे पहले मधुरापुरी और तुंग नगरम के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है – शहर जो कभी नहीं सोता है। मदुरै, मीनाक्षी अम्मन मंदिर के आसपास विकसित हुआ, जिसका निर्माण 2,500 साल पहले पांडियन राजा, कुलशेखर द्वारा किया गया था। लोकप्रिय रूप से शहर को पूर्व का एथेंस कहा जाता है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में यूनान के यात्री, मेगस्थनीज ने इस शहर का भ्रमण किया था। इस प्राचीन दक्षिण भारतीय शहर का भ्रमण करने वाले अन्य प्रसिद्ध यात्री थे – 77ई. में प्लिनी, 140ई.में टॉलेमी, 1203ई.में मार्को पोलो और इब्न बतूता (1333 ई.)।
भारत में सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से एक, श्री मीनाक्षी-सुंदरेश्वर मंदिर मदुरै का सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है। द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण यह मंदिर एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जो अच्छी योजना के तहत निर्मित उद्यानों और प्राचीन झरनों से घिरा है। मंदिर परिसर में दो मंदिर, 10 से अधिक द्वार या गोपुरम, कई मंडप (हॉल) और एक विशाल जलाशय स्थित हैं। मंदिर की दीवारें अंदर और बाहर, सुंदर नक्काशी से सुशोभित हैं। मंदिर का एक हॉल “1,000 स्तंभों के हॉल” के रूप में प्रसिद्ध है, हालांकि उनमें से आज केवल 985 स्तंभ ही मौजूद हैं। कहा जाता है कि जिस भी दिशा से आप इन खंभों को देखते हैं, वे हमेशा एक सीधी रेखा में खड़े दिखाई देते हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण बाहरी गलियारा है, जिसमें संगीतमय स्तंभ हैं। स्पर्श किए जाने पर इनसे संगीत के अलग-अलग सुर बजते हैं। एक गर्भगृह, सुंदरेश्वर, भगवान शिव को समर्पित है, जबकि दूसरा उनकी पत्नी देवी मीनाक्षी को समर्पित है।
मदुरै अपनी बेहतरीन साड़ियों, लकड़ी के खिलौनों और मूर्तियों के लिए भी जाना जाता है। इसे शौपिंग-हब भी कहा जाता है, जहाँ आगंतुक विशिष्ट और हस्तनिर्मित उत्पाद खरीद सकते हैं। शहर की भीड़-भाड़ वाली सड़कों के व्यस्त और जीवंत अनुभव से अलग,पर्यटक शहर के शांत और सुंदर हिल स्टेशनका आनंद ले सकते हैं। कोडाइकनाल के सुरम्य हिल स्टेशन से लेकर शानदार झरने तक, मदुरै प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है जो आपका मन मोह लेता है।
वेबिनार, श्रीमती अकिला रमनद्वारा प्रस्तुत किया गया, जो एक कहानी कहने वाली, एक वरिष्ठ शोध सहयोगी और प्रशिक्षण की प्रमुख हैं। सुश्री रमन ने इतिहास में एम.ए किया है तथा वे ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों की संग्रहकर्ता हैं।
देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला,“एक भारत श्रेष्ठ भारत” के तहत भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखलाको राष्ट्रीय ई गवर्नेंस विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ तकनीकी साझेदारी में प्रस्तुत किया जाता है। वेबिनार के सत्र अब https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ ZEHDA/featured पर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही सत्र पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के सभी सोशल मीडिया हैंडल पर भी उपलब्ध हैं।
अगला वेबिनार 3 अप्रैल 2021 को 11:00 बजे आयोजित किया जाएगा, जिसका विषय है – ”होमस्टे – आपको किसी अजनबी के घर में क्यों रहना चाहिए!”