महान बलिदानी गुरुओं की शिक्षा, बलिदान और उपदेश को भूलकर तथाकथित सिखों ने सीएए और एनआरसी विरोध के दौरान किस प्रकार से मुस्लिम सिख एकता की बात की थी , यह भी जगजाहिर है। दिल्ली से ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा और अन्य जगहो के सिख आकर दिल्ली में हिंसक ,आतंकवादी , विघटनकारी दंगाकारी लोगों की सेवा में कैसे जुड़े हुए थे यह भी जगजाहिर । तथाकथित शिक पुरुष ही नहीं बल्कि सिख महिलाएं भी रोटियां बेल बेल कर हिंसक जिहादी, आतंकवादी, विघटनकारी , दंगाकारी लोगों को खाना खिला रहे थे । एक सरदार तो यहां तक दावा किया था कि लंगर के लिए मैंने अपना फ्लैट तक बेच दिया है।
तथाकथित सिखों ने राष्ट्र विरोधी, विघटनकारी जिहादी, आतंकवादी ,दंगाकारी समूह को ना केवल समर्थन दिया था बल्कि सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों में शामिल भी हुए थे। सबसे दुखद बात यह थी की ऐसे समूहों को गुरुद्वारे से खाना लाकर खिलाया जा रहा था। ये लोग उसी मानसिकता के सहचर थे, जिस मानसिकता के खिलाफ हमारे धर्म गुरुओं ने बलिदान दिया था , धर्म गुरुओं के बलिदानों को भी तथाकथित सिखों ने दागदार किया था।
किसान आंदोलन के समय भी मुसलमानों के पक्ष में तथाकथित सिखों ने किस प्रकार से आग उगली थी , हिंदुओं को अपमानित किया था, हिंदुओं को जलील करने का काम किया था, यह भी जगजाहिर है। क्रिकेटर युवराज सिंह का बाप ने कैसी भाषा बोली थी यह भी सबको मालूम है। सिखों ने किसान आंदोलन के आड़ में पाकिस्तान का समर्थन किया था और कुरान आधारित नारे भी लगाए थे ।
यह जिहादी, हिंसक, विघटनकारी , दंगाई किसी के सगा नहीं हो सकते, जब ये अपनी बहन का भाई नहीं हो सकते तो फिर ये सिखों के भाई कैसे हो सकते हैं? इसका उदाहरण तो पाकिस्तान में बार बार मिल रहा है पर अब भारत में भी मिलने लगा।
जम्मू कश्मीर में जबरन, बलपूर्वक दो सिख लड़कियों का अपहरण होता है, धर्म परिवर्तन कराया जाता है फिर मुस्लिम लड़कों के साथ विवाह करा दिया जाता है। मामला पुलिस में गया । पुलिस मूकदर्शक बनी रही ।कोर्ट में गया। कोर्ट में भी जिहादी करतूत सामने आई, सिख लड़कियों के परिजनों को दूर रखा गया । कोर्ट के अंदर जाने नहीं दिया गया। फिर लड़की को जिहादियों के हाथों सौंप दिया गया।
दो सिख लड़कियों के साथ जिहादी करतूत की घटना पूरी दुनिया में चिंता का कारण बनी हैं । भारत में भी उथल-पुथल मचा। अब सिख इस घटना को लेकर आग बबूला हैं। इस पर प्रधानमंत्री गृह मंत्री से मदद मांग रहे हैं । लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात कर रहे हैं।
सिख लड़कियों के साथ हुई जिहादी घटना पर मनजिंदर सिंह सिरसा जैसे लोग भी चिल्ला रहे हैं जो सीएए और एनआरसी कानूनों विरोध के समय जिहादियों की मदद कर रहे थे और हिंदुओं की खिल्ली उड़ा रहे थे। पंजाब के सिख संगठनों ने भी मुसलमानों की भाषा बोली थी।
सिख समुदाय जम्मू कश्मीर के सिख लड़कियों के साथ हुई इस जिहादी करतूत से सबक ले और महान गुरुओ की वाणी याद करे, उनका बलिदान को याद कर जिहादियों को पालना पोषण बन्द करो और खाना खिलाना बंद करें, नहीं तो फिर इस तरह की घटनाओं से भी दो-चार होना पड़ेगा।
आचार्य श्री विष्णु गुप्त
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Date …. 28/06/2021
*New Delhi*