कोटा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे कोटा-बूंदी के विकास को नए आयाम देगा। यह प्रोजेक्ट क्षेत्र को देश के महत्वपूर्ण नगरों से कनेक्टिविटी की लाइफलाइन बनेगा। इसके पूरा होने के बाद महज 4 घंटे में दिल्ली और 8 घंटे में मुम्बई पहुंचना संभव हो पाएगा। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और कोटा व बूंदी के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद कही।
बिरला ने कहा कि कोटा से दिल्ली तक 8 लेन सड़क निर्माण का काम जनवरी 2023 तथा मुम्बई तक उसी वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से इंदौर, बड़ौदा, सूरत, वलसाड़ जैसे नगरों से कोटा की दूरी बहुत कम समय में तय की जा सकेगी। कनेक्टिविटी में सुधार से सम्पूर्ण हाड़ोती क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, नए उद्योगों के आने की संभावना तो बढ़ेगी ही सर्विस सेक्टर का विकास भी तीव्र गति से होगा। आवागमन की सुविधाओं में भी सुधार होगा।
बैठक के दौरान बिरला ने एनएचएएआई के अधिकारियों को अन्य शहरों से कनेक्टिीविटी की संभावनाएं तलाशने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि आगरा, जयपुर, सवाई माधोपुर जैसे शहरों से कनेक्टिविटी स्थापित कर हम पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। अन्य शहरों से जुड़कर हम व्यापार, उद्योग और सर्विस सेक्टर को बढ़ा सकते हैं। बिरला ने बताया कि एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को आवागमन का सुरक्षित मार्ग देने के लिए दरा में देश का पहला 8 लेन टनल बनाया जाएगा। टनल के ऊपर प्राकृतिक आवरण के रूप में रास्ता होगा जिससे वन्यजीवों को कोई परेशानी नहीं हो।
कोटा-रावतभाटा-नीमच बनाएंगे राजमार्ग
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने बताया कि कोटा-रावतभाटा-नीमच मार्ग को राजमार्ग बनाए जाने पर सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। इसका नोटिफिकेशन भी जल्द करवाने के प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रावतभाटा देश का प्रमुख अणु ऊर्जा केंद्र है। ऐसे में रावतभाटा को राजमार्ग से जोड़ा जाना सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि चम्बल एक्सप्रेस वे की डीपीआर तैयार करने का काम तेजी से जा रही है। डीपीआर बनने के बाद टैंडर कार्य भी प्राथमिकता से करवाए जाएंगे। चम्बल एक्सप्रेस वे कोटा को शिवपुरी के रास्ते कानपुर तक के सभी शहरों तक तेज गति से आवागमन की सुविधा देगा। इससे क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा।
बैठक में कोटा-बूंदी से गुजर रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे से जुड़े गांवों के किसानों और ग्रामीणों ने भी अपनी मुआवजे, भू-अवाप्ति, काटे गए पेड़ों राशि, अवैध मिट्टी खनन से जुड़ी समस्याएं बताईं। केशवरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल, लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने भी अवैध मिट्टी खनन से ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही परेशानियों की जानकारी दी। बिरला ने एनएचएआई, कोटा जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ तथा बूंदी जिला कलक्टर आशीष गुप्ता को इन समस्याओं का प्राथमिकता और संवेदनशीलता से निराकरण करने का कहा। बैठक में कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चैधरी तथा बूंदी पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा सहित अनेक विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।