भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की पहली वर्षगांठ पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने पहले ही वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप 7 पाठ्यक्रम शुरू करने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 के पश्चात अब शिक्षा एक आजीवन प्रक्रिया बन गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि अब व्यक्ति जब चाहे तब अध्ययन कर सकता है। एनईपी-2020 ने शिक्षा के प्रति मानसिकता को बदल दिया है।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप 5 मीडिया और 2 कंप्यूटर एवं अन्य विषय के पाठ्यक्रम विकसित करने में हम अग्रणी संस्थान हैं। हमने मीडिया के आधारभूत पाठ्यक्रम विकसित किये हैं। एमसीयू के प्राध्यापकों के समूह ने पाठ्यक्रमों को अधिक समावेशी बनाया है। उन्होंने बताया कि एनसीसी और पाठ्येत्तर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी जोर देती है। इसलिए विश्वविद्यालय में शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए बनाई गई समिति के समन्वयक प्रो. सीपी अग्रवाल ने वर्षभर में किये गए कार्यों का ब्यौरा रखा। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विषय विशेषज्ञों के साथ प्रत्यक्ष और ऑनलाइन कार्यशालाएं आयोजित की गईं। वहीं, डीन अकादमिक प्रो. पी. शशिकला ने कहा कि भविष्य के लिए हम प्रशिक्षण और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एडुविजन जैसे आयोजन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक दृष्टिपथ तैयार करने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने विषय प्रवर्तन किया। इस अवसर पर सभी विभागों के अध्यक्षों ने पाठ्यक्रमों के संबंध में अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किये।
विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों एवं अधिकारियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की पहली वर्षगांठ के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्याख्यान को सामूहिक सुना और उसके बाद महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा भी की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश भी उपस्थित रहे।
कुलसचिव
(डॉ. अविनाश वाजपेयी)