Monday, December 23, 2024
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Homeजियो तो ऐसे जियोमाँ ने बच्चों को बुलाकर दी,नैत्रदान की सीख

माँ ने बच्चों को बुलाकर दी,नैत्रदान की सीख

कोटा। 2 वर्ष पूर्व नम्रता आवास,बजरंग नगर निवासी श्री राधेश्याम डंग जी का आकस्मिक निधन हुआ था,उस समय संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति-मित्र सागर पिपलानी के सहयोग से उनका नैत्रदान का पुनीत कार्य सम्पन्न हुआ ।

आज नैत्रदानी स्व० राधेश्याम की पत्नि सरोज कुमारी डंग का 65वां जन्मदिवस था,इस अवसर पर सरोज जी ने अपने चारों बेटों,उनकी बहुओं और पडौस के लोगों के बीच नैत्रदान का संकल्प लिया। जिससे इन सभी को भी यह ध्यान रहें कि मैं नैत्रदान संकल्पित हूँ ।

सरोज जी का कहना है कि,राधेश्याम जी की मृत्यु बाद, मुझे सिर्फ इसी आस ने मज़बूत और जिंदा बनाये रखा,की समय पर उनके नैत्रदान हो गये ,और उसी के कारण वह आज भी किसी की आँख में रौशनी बनकर जीवित हैं । आज यदि कोई व्यक्ति दुनिया से चला जाता है,तो उससे जुड़ी सभी चीजों को घर से थोड़े समय में बाहर कर दिया जाता हैं । पर मुझे खुशी है कि,मेरे बच्चों ने उस समय अपने पिता जी के नैत्रदान का निर्णय लिया था,वह गलत नहीं रहा ।

आज जब बच्चों ने जन्मदिन मनाने का निर्णय लिया तो मैंने उनको यही कहा कि जब भी कभी मेरा अंतिम समय आता है,तो यह नेक काम जरूर करवा देना,जिससे मेरा जीवन भी किसी के काम आ सकेगा।

सरोज जी के नैत्रदान से प्रेरित होकर उनके बेटे बहु नरेंद्र – गीता ने अपना नैत्रदान संकल्प पत्र भरकर शाइन इंडिया फाउंडेशन के सागर पिपलानी को भरकर सौंपा । नैत्रदान संकल्प के इस आयोजन के दौरान श्री हंसराज पिपलानी, ललित, चेतन,इति, बंटी,संगीता व सन्नी बत्रा उपस्थित थे।

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