Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तिरेल परिसरों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग

रेल परिसरों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग

मुंबई। रेल परिसरों में सुरक्षा कड़ी करने के लिए पश्चिम रेलवे ने सुरक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इन्फ्रारेड इंट्रूडर अलार्म सिस्टम के साथ-साथ निगरानी ड्रोन जैसी नवीनतम तकनीकी प्रगति को अपनाया है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने आरपीएफ क्षेत्रीय शस्त्रागार, महालक्ष्मी में हाल ही में इन्फ्रारेड इंट्रूडर अलार्म सिस्टम का उद्घाटन किया और साथ ही रेलवे स्पोर्ट्स ग्राउंड, महालक्ष्मी में निगरानी ड्रोन की पहली उड़ान का शुभारम्भ किया। इन प्रौद्योगिकियों के ज़रिये पश्चिम रेलवे के आरपीएफ विभाग को मुंबई उपनगरीय खंड में विभिन्न समस्याओं से निपटने और उन्हें नियंत्रित करने में उल्लेखनीय मदद मिलेगी। महाप्रबंधक ने महालक्ष्मी में आरपीएफ बैरक का भी निरीक्षण किया और इन दिनों चल रहे स्वच्छता पखवाड़े के तहत श्रमदान किया। उन्होंने बैरक की स्थिति में सुधार करने तथा जवानों का मनोबल ऊंचा रखने के लिए स्वच्छ भोजन और स्वस्थ मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्‍पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित इंट्रूडर अलार्म सिस्टम सात इंफ्रा-रेड आधारित सीसीटीवी कैमरा फीड के साथ संचालित होता है, जिससे सुविधा का 360 डिग्री कवरेज सुनिश्चित होता है। एआई आधारित यूजर इंटरफेस सॉफ्टवेयर के साथ, क्षेत्र में किसी भी मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए वास्तविक समय के आधार पर फीड का विश्लेषण किया जाता है। एआई को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह निर्धारित परिधि में केवल मानव उपस्थिति का पता लगाएगा और झूठे अलार्म से बचने के लिए पक्षियों आदि की अनदेखी करेगा। सिस्टम में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए कर्मचारियों को सतर्क करने के लिए सुरक्षा नियंत्रण को संकट कॉल, एसएमएस या मेल भेजने के लिए एक अतिरिक्त सुविधा है। त्वरित प्रतिक्रिया समय और रात्रि दृष्टि क्षमता और 24 घंटे कवरेज के साथ, सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि क्षेत्र में पूर्ण सुरक्षा कायम है।

श्री ठाकुर ने बताया कि सर्विलांस ड्रोन से रेलवे की संपत्ति, भीड़ प्रबंधन, आपदा प्रबंधन पर नजर रखने में उल्लेखनीय मदद मिलेगी। मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) के रूप में भी जाना जाने वाला ड्रोन किसी भी आपात स्थिति के मामले में न्यूनतम प्रतिक्रिया समय पर दूरस्थ क्षेत्रों में जाने में मदद करता है। इनका उपयोग संवेदनशील अपराध प्रवण स्थानों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, यार्ड और दूरस्थ स्थानों, बेहतर अपराध नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन के लिए अतिचार स्थानों की वास्तविक समय निगरानी के लिए किया जाएगा। संभाग के चयनित आरपीएफ कर्मचारियों को ड्रोन के संचालन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यूएवी ग्राउंड लेवल से 200 मीटर की ऊंचाई पर 2 किमी की दूरी तक 25 मिनट की उड़ान भरने में सक्षम है। यूएवी का जीपीएस आधारित ऑटो वे पॉइंट नेविगेशन सिस्टम इसे ऑटो टेक ऑफ, मार्गदर्शन और लैंडिंग करने में मदद करता है और पेलोड के रूप में स्थापित 5X ऑप्टिकल जूम कैमरा के साथ उच्च रिज़ॉल्यूशन छवियों को कैप्चर करने में सक्षम है। यह प्रणाली अपने घर पर लौटने की सुविधा के साथ फेलप्रूफ संचालन सुनिश्चित करती है जो संचार विफलताओं, कम बैटरी या यहां तक कि जीपीएस विफलताओं का पता लगाती है। यह सिस्टम टेरेन डिटेक्शन, जियो फेंसिंग और नो फ्लाई जोन फीचर से लैस है।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार