वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को समझने के लिए और देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए मौजूदा हेल्पलाइन और कुछ अंतर्राष्ट्रीय हेल्पलाइनों को समझने और उनका आकलन करने के लिए एक अध्ययन किया गया था। अध्ययन के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन की आवश्यकता की पहचान हुई। तेलंगाना सरकार और टाटा ट्रस्ट्स ने मार्च 2019 और सितंबर 2020 के बीच राज्य में हेल्पलाइन शुरू की थी।
इस अनुभव के आधार पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने हर राज्य स्तर पर हेल्पलाइन स्थापित करने का निर्णय लिया। सिंगल कॉल मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म और यूनिक नंबर (14567) के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरू हुई। इस प्रकार एल्डर लाइन की अवधारणा की गई।
एल्डर लाइन सप्ताह के सभी सात दिनों में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक संचालित होगी क्योंकि इसे गैर-आपातकालीन सेवा के तहत वर्गीकृत किया गया है और काम के घंटों का विस्तार निष्कर्षों और आवश्यकता के आधार पर किया जाएगा।
राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान (एनआईएसडी) के साथ मंत्रालय द्वारा स्थापित राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजेंसी (एक अधिकार प्राप्त समिति) वर्तमान में राज्यों के साथ एल्डर लाइन का संचालन कर रही है। राज्य एजेंसियां सभी राज्य स्तरीय विभागों और जिला पदाधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगी। यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, राज्य विभागों, राज्य एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, स्थानीय वरिष्ठ नागरिक समूह और स्वैच्छिक समूहों आदि के बीच एक साझा दृष्टिकोण है।
एल्डर लाइन में दो प्रमुख घटक होते हैं। पहला- कनेक्ट सेंटर हैं जिसमें ऐसे अधिकारी होते हैं जो वरिष्ठ नागरिक के साथ सहानुभूति रखते हैं और बुजुर्गों की समस्याओं को समझते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के अनुरोध पर वे एक मजबूत फील्ड सपोर्ट द्वारा आवश्यक ऑन-फील्ड इन्टरवेंशन्स का ख्याल रखते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं को मोटे तौर पर चार सेवाओं में वर्गीकृत किया गया है:
1. सूचना- डॉक्टर, अस्पताल, वृद्धाश्रम और गतिविधि केंद्र आदि।
2. मार्गदर्शन- कानूनी, रखरखाव अधिनियम से संबंधित, पेंशन संबंधी प्रश्न
3. समर्थन- जीवन, चिंता, संबंध प्रबंधन और भावनात्मक समर्थन
4. हस्तक्षेप- प्रत्यक्ष (वरिष्ठ नागरिकों से हो रहे दुर्व्यवहार को संबोधित करना और बेघर और छोड़ दिए गए बुजुर्गों का बचाव करना) और अप्रत्यक्ष (इकोसिस्टम का निर्माण)
एल्डर लाइन के संचालन के लिए निम्नलिखित तैयारी शर्तें बनाई गई हैं: –
1. राज्य एक पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से हेल्पलाइन के संचालन के लिए एजेंसी की पहचान करता है
2. भौतिक और सॉफ्टवेयर बुनियादी ढांचे की खरीद और स्थापना की जाती है
3. संसाधनों की पहचान की जाती है और क्षमता का निर्माण किया जाता है
4. वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपयोगी हो सकने वाले सभी क्षेत्रों के लिए जानकारी को ज्ञान बैंक के रूप में एकत्र और सारणीबद्ध किया जाता है
5. वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए एजेंसी के साथ चलने के लिए समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ सरकारी और गैर-सरकारी समझौते किए जाते हैं
6. किसी भी संभावित बॉटल नेक की पहचान करने और उस पर फिर से काम करने के लिए ड्राई रन आयोजित किया जाता है
एल्डर लाइन के नंबर्स-
टोल फ्री नंबर- 14567
कार्य का समय- सुबह 8 बजे से रात 8 बजे
कार्य के दिन- सप्ताह के सातों दिन
वरिष्ठ नागरिकों के लिए निम्नलिखित सेवाओं के लिए 06 राज्यों (तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश) में टोल फ्री नंबर 14567 पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए नेशनल हेल्पलाइन (एल्डर लाइन-14567) को चालू किया गया है:
1. सूचना- डॉक्टर, अस्पताल, वृद्धाश्रम और गतिविधि केंद्र आदि।
2. मार्गदर्शन- कानूनी, रखरखाव अधिनियम से संबंधित, पेंशन संबंधी प्रश्न
3. समर्थन- जीवन, चिंता, संबंध प्रबंधन और भावनात्मक समर्थन
4. हस्तक्षेप- प्रत्यक्ष (बड़ों के दुर्व्यवहार को संबोधित करना और बेघर और परित्यक्त बुजुर्गों का बचाव करना) और अप्रत्यक्ष (इकोसिस्टम का निर्माण)
एल्डर लाइन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान (एनआईएसडी) और राज्य सरकारों के सहयोग से स्थापित वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन (एनएचएससी) है। एनआईएसडी के साथ मंत्रालय द्वारा स्थापित राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजेंसी (एक अधिकार प्राप्त समिति) वर्तमान में राज्यों के साथ एल्डर लाइन को संचालित कर रही है। इस हेल्पलाइन को सुचारू रूप से चलाने में राज्य एजेंसियां, सभी राज्य विभागों और जिला पदाधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगी। एल्डर लाइन 14567 एक टोल-फ्री नंबर है जो दिन में 12 घंटे (सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक) खुला रहता है. वरिष्ठ नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए उनसे हो रहे दुर्व्यवहार, रेस्क्यू मामलों में मुफ्त जानकारी, मार्गदर्शन, भावनात्मक समर्थन और ऑन फील्ड हस्तक्षेप प्रदान करता है। महामारी जैसी आपात स्थिति के मामले में यह हेल्पलाइन सभी राज्य विभागों के सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा आवश्यकताओं, भावनात्मक समर्थन और अन्य संबंधित जरूरतों के लिए सही और समय पर जानकारी प्रदान कर सकती है।