देशभर की ट्रेनों में अब विधायक एवं पूर्व सांसद आरक्षित कोटे के सहारे सफर नहीं कर सकेंगे। अब रेलवे ने इन्हें अपनी वीआईपी सूची से इन्हें बाहर कर दिया है। रेलवे ने वीआईपी कोटे के दुरूपयोग को रोकने के लिए यह फैसला लिया है।
विभिन्न रेल मंडलों को भेजे पत्र में विधायकों एवं पूर्व सांसदों के आरक्षित कोटे को समाप्त करने का उल्लेख किया गया है। साथ ही नए आदेश में केवल वर्तमान सांसद और उनकी पत्नी को ही एचओआर श्रेणी में रखने की जानकारी दी गई है।
पत्र के अनुसार उक्त नई व्यवस्था 15 सितंबर से लागू होगी। दरअसल अब तक पूर्व सांसद और विधायक रेलवे की आरक्षण खिड़की से रिजर्वेशन टिकट लेते थे और बाद में वेटिंग टिकट को इमरजेंसी कोटे से कंफर्म करवा लेते थे।
विधायकों और पूर्व सांसदों को इमरजेंसी के लिए केवल डीआरएम आफिस का दरवाजा खटखटाना होगा। वहीं रेलवे अधिकारियों को उनकी जरूरत सहीं लगी तो वे ही वे उन्हें आरक्षित टिकट उपलब्ध करवाएंगे।
रेलवे बोर्ड के पैसेंजर एंड मार्केटिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह एवं रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी का कहना है कि सभी मंडलों में पत्र भेजा जा चुका है। 15 सितंबर से यह व्यवस्था लागू होगी।