*लो आ गई वो किताब जिसका इंतजार कर रही थी दुनिया और इसके साथ ही इस्लाम का कच्चा चिठ्ठा खोलने का काम खुद एक मुसलमान ने किया जो की वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहा इसलिए मदरसा छाप होने से बच गया*
वसीम रिजवी ने ना अपने गले में लगी नकली रस्सी *इस्लामिक मोहर* को काट फेंका और मानवता के लिए सबसे बहादुरी वाला काम किया, जिसे कहते हैं *सच को दुनिया के सामने लाना,* वो भी इंट्रेस्टिंग तरीके से *सीधे डासना मंदिर से, जहां से इस्लाम की कब्र खुदनी शुरू हुई आज उसके ताबूत में आखिरी कील ठोंक दी गई।*
समय आ गया है हिंदुओं जानकारी इकट्ठा करो और इन कठमुल्लों का *सटीक जवाब देना सीखो*
वह अगर तर्क करे : तुम भी तर्क करो
संघी कहे तो *बताओ संघी सेवा करते हैं, धर्म का कार्य है, लेकिन जेहादी तो सिर्फ हत्या, लूट, बलात्कार और बम फोड़ते हो?*
अंधभक्त या भक्त कहे तो 70 साल तक कांग्रेस की गुलामी करने वालों को बताओ की कितने बड़े चमचे, गुलाम, मदरसा छाप जाहिल थे की वोट देकर भी लुटते रहे?
गोमूत्र पीने वाला कहे तो बताओ की कम से हज जाकर ऊँट का पेशाब नहीं पीते और ऊंटनी से लेकर बकरी तक जानवरों से संभोग किए बिना जो हज पूरा नहीं होता ये कैसा रॉन्ग नंबर है पीके ने नहीं बताया क्यों वो छोड़ो पर तुम्हें तो पता है फिर भी इतना घटिया काम, हर हाजी पाशविक प्रवृत्ति का इसका मतलब?
पाखण्ड की बात करे तो इन जाहिलों को बताओ की कुरान की चपटी धरती, चांद के दो टुकड़े, और गधे का सातों आसमान की सैर जैसी हवा हवाई कैसा कल्ट है मियां???
तुम्हारे भगवान पर उंगली उठाये तो बात रंगीला रसूल, अंडरस्टैंडिंग मोहम्मद और खुद मुसलमान वक्फ बोर्ड के चैयरमैन वसीम रिजवी की नई किताब मोहम्मद पूछो पढ़ी है या कुरान ही की बस ऐसे ही सुन्नत करवा ली हो गए गिलमा?
बालविवाह बोले तो 56 के मोहम्मद का 6 साल की आयशा की शादी याद दिलाओ वो भी अपने दोस्त की लड़की और पूछो रमजान और ईद का सच जानते हो, कैसे छोटी नाबालिग लड़की को भूखा प्यासा रखकर ईद हुई मानसिक विच्छिप्तता की हद है?
बाबा की बात करे तो मौलवियों के बारे में बताओ कैसे छोटे छोटे बच्चों को गिलमा बनाते हैं, लौंडागिरी करते हैं पढ़ाने के नाम पर।
घूंघट प्रथा बताये तो बुरखा याद दिलाओ और ये भी की ये अल्लाह ने नहीं मोहम्मद ने बनाया अपनी बीवियों को बाकियों से बचाने के लिए?
स्वर्ग में अप्सराओं की बात करे तो उन्हें अल्ला का ताला और 72 हूरों की चाभी याद दिलाओ कैसे बच्चों को बहका कर शबाब मिलेगा, हूर, शराब और लौंडे मिलेंगी कहकर आतंकवादी बनाते हैं।
सती कहे देवदासी कहे जो बन्द हो चुकी है तो हलाला बताओ, और अमीरों को लड़कियां बेचने की कॉन्ट्रैक्ट मैरिज की वेश्यावृत्ति मिश्याह और मुताह पूछो जानते हो या बस टोपी दाढ़ी लटका ली बन गए दलाल।
पत्थर को पूजने को अंधविश्वास कहे तो पत्थर का हिज़्र अस्वद की याद दिलाओ, उसे चूमने की बात बताओ, पत्थर के शैतान को पत्थर मारने की बात बताओ कहां का लॉजिक है?
अगर वह दलित और ब्राम्हण बनिया क्षत्रिय करे
तो उन्हें सुन्नी जो शियाओं का खून बहा रहे हैं?
जाति प्रथा की बात उठाये तो 72 फिरकों के बारे में बताओ, याद दिलाओ कैसे ये अहमदिया, बरेलवी, शिया, सुन्नी, देवबन्दी, बोहरा, वहाबी, सूफी समेत 72 फिरके हैं जो एक दूसरे को अपनी मस्जिद तक में नहीं आने देते?
यदि बोले गणेश जी का मुंह हाथी का कैसे तो बता दो जैसे तुम्हारे मोहम्मद की गधी अल-बुराक का मुंह औरत का कैसे हो सकता है?
गाय को माता लेकिन बैल को बाप ना बोलने की वजह पूछे तो बताओ जैसे तुम “आयशा” को उम उल मोमिनीन अपनी मां) कहते हो लेकिन मोहम्मद को बाप नहीं कहते क्यों?
पूछे उन्हें अल्ला उन्हें डायरेक्ट मुसलमान क्यों नही बनाता है, कटा हुआ, क्यों उन्हें मुसलमानी यहां नीचे आकर खतना करके करवानी पड़ती है? और कौन सा भगवान ऐसा करना चाहेगा, ये रॉन्ग नंबर है बच्चों के साथ अन्याय है।
गोडसे पर जाये राशिद, कसाब, गजनी से लेकर याकूब मेंमन तक पूरी लिस्ट बताओ कितनी है?
अगर कहे कि कुछ मुसलमान जो भटक गए है अनपढ़ है वो ही आतंकी बनते है तो बताओ कि
अफजल – MBBS
रियाज भटकल- इंजीनियर
याकूब मेमन- चार्टर्ड अकॉउंटेन्ट
अल बगदादी- पी. एच.डी
ओसामा बिन लादेन- सिविल इंजीनियर
हाफिज सईद – प्रोफेसर है
बस मरने के लिए गरीब मुहाजिर कसाब ढूंढकर भटका हुआ अनपढ़ बोलते हो, भटकाने वाले सब जहीन पढ़े लिखे अय्याश।
RSS संघ को देश को तोड़ने वाला कहे तो इनको याद दिलाओ धर्म के नाम पर बनने वाला पहला संगठन “All india muslim league” था सूखे बांस जिन्ना का जो गंदी और नहरू का दलाल था, और जिसने इस देश को बांट कर पाकिस्तान बनाया बांग्लादेश बनाया इसलिए ज्ञान मत पेलो पेल दिए जाओगे।
चड्डीधारी कहे तो लुंगी धारी, टोपी धारी, पजामा धारी कहो
अगर कहे तुम्हें हिन्दू नाम हमने दिया तो पूछो मुल्लाजी जब 1400 इस्लाम की स्थापना करने से पहले *”मोहम्मद किस मजहब का था”* और इससे भी ज्यादा की अल्लाह किस धर्म से ताल्लुक रखता है?
800 साल तक राज करने की बात बोले तो इन जाहिलों को बताओ इनके पूर्वज कभी हिन्दू हुआ करते थे, जो डर से मुल्ले बन गए अब नकली रस्सी बंधे ऊंट बने हुए हैं?
ताजमहल, कुतुबमीनार, लाल किला का उदाहरण दे तो पूछो 57 इस्लामिक देश में एक भी प्रसिद्ध इमारत क्यों नहीं बनवा पाए सब भारत भारत में कब्जा कर गुम्बद बना दिया और हो गया ढाई दिन का झोंपड़ा?
भाजपा को सपोर्ट करने पर तुम्हें भक्त कहे तो बताओ *70 साल कांग्रेस की गुलामी करनेवाले चमचों, मदरसा छाप कहो, जाहिलों अभी भी वक्त है घर वापसी का* ऐसा ना हो आगे से योगी जी पेल रहे हों पीछे से जिन्होंने विकास किया और तुमने साथ नहीं दिया वो हाथ हटा लें, फिर क्या होगा समझ लो।
हिंदू 100 करोड़ हैं और पूर्ण बहिष्कार का मन बना चुके हैं, जातियों का जहर भी खत्म तिलक, तराजू, तलवार, कुदाल, फरसा, बल्लम, लाठी सब सनातनी हो गए हैं बेटा, इसलिए ऐसा ना हो उधम काटते रहो और *लठ्ठ सुताई का मूड बन जाए* इसलिए जो हुआ सो हुआ, *इस्लामी मोहर तुम्हारे दादा परदादा को ऊपर से लगा कर नीचे से काट दिया गया, उसको भूल जाओ, अपना बचाओ।
आओ, सनातन धर्म में भटके हुओं को सहारा दिया जाता है *प्यार से* हलाल नहीं करते ईसाई मिशनरी और इस्लाम की तरह, इसीलिए *सनातन ही धर्म है* पूरी ईसाई दुनिया तो मोदी जी को मान ही चुकी है, तुम भी योगी जी को मान लो बेटा, उधम छोड़ दो, वरना मनवाया जायेगा, ये तय है, क्योंकि संघ के अधिकारी भी खुद कह रहे हैं, की डीएनए तुम्हारा मिल रहा है, इसलिए हो तुम हिंदू ही, बस कन्वर्ट हो गए हो तो थोड़ा पर्वर्ट भी तो शुद्धि जरूरी है।
दो किताबें चर्चा में हैं दोनों मुसलमान हैं, एक मदरसा छाप, जिसके के गले की रस्सी अभी बंधी हुई है सलमान खुर्शीद जो संघ और हिंदुओं की तुलना अपने आईएसआईएस और बोको हराम से कर रहा है, दूसरा मुसलमान जो जहीन है जानता है कैसे इस्लाम ने पूरी दुनिया का बेड़ागर्क किया, घरों में मां को छोड़कर सबको सेक्स स्लेव बना दिया ऐसे पैगंबर और रसूल का कच्चा चिट्ठा खोल दिया है *मोहम्मद* नाम से किताब लिखकर, उसका उद्घाटन इस्लाम पर सबसे ज्यादा मुखर सीधा मुकाबला करने वाले डासना के यति नरसिंहानंद से किताब का विमोचन करवाया (यति जो पहले सरस्वती उपनाम से प्रचलित थे) अब गिरी कहलाएंगे (क्योंकि जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर बन गए हैं, वही जूना अखाड़ा ईसाई मिशनरी और जेहादियों ने मिलकर जिसके संत स्वामी कल्पवृक्ष गिरी और सुशील गिरी की खुलेआम हत्या की थी)।
जो भी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को बहादुरी का वो पुरस्कार मिलना चाहिए जो किसी परम योद्धा को मिलता है, और सरकार को ही नहीं, दुनिया भर की सरकारें जो इस्लाम से त्रस्त हैं, उनका काम किया है सीधे *मोहम्मद* पर किताब लिखकर, काबिले तारीफ और मुकम्मल हिफाजत होनी चाहिए ऐसे बहादुर सूरमा की! जेड प्लस सिक्योरिटी मिलनी चाहिए प्रमोद कृष्णन जैसों की हटाकर ताकि उनको सही से पेला जा सके। *खुर्शीद जैसे जूतियों को पूछता कौन है???
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