कोटा। चन्द्रोदय तीर्थ क्षेत्र चांदखेडी जैन मंदिर खानपुर में चातुर्मास के दौरान चल रहे कल्याणकारी प्रवचन के दौरान उत्तम सागर जी महाराज ने कहा कि अपनी कामनाएं कम रखो, इच्छा ज्यादा होगी तो समस्याएं भी आएंगी और यदि इच्छाएं पूरी नहीं हुई तो क्रोध आएगा और काम बिगड़ जाएंगे। इच्छाओं को कम करना चाहिए। महाराज श्री ने कहा कि समुद्र में कई नदियां आकर मिलती है और पानी बढ़ता जाता है। अग्नि में घी डालते रहोगे तो अग्नि कभी बुझेगी नहीं, अग्नि में घी डालना कम करोगे तभी अग्नि बुझेगी, ऐसे ही भावनाएं खराब है, तो पतन की ओर जाओगे, दान ज्यादा करना चाहिए, दान करने से दरिद्रता का नाश होता है। दान यदि दिया है तो फल बढ़ता ही जाएगा। दान जितना दोगे दान बढ़ेगा तो पुण्य का संचय होगा और सुखी जीवन व्यतीत होगा।
उन्होंने कहा कि बिना प्रचार के दान देने से इच्छापूर्ति होती है। दान करने के बाद यह भाव नहीं आए की मैंने इतना दान दिया है, ऐसा करने से दान का पुण्य कम हो जाता है। महाराज श्री ने कहा कि बिना धन, बिना धर्म के सब व्यर्थ है। धन श्रावक के लिए आवश्यक है और धर्म मुनि के लिए आवश्यक है यदि श्रावक के पास पैसा नहीं तो सब बेकार है और यदि मुनि के पास पैसा है तो भी सब बेकार है। उन्होंने कहा कि पहली पंगत में ही बैठना चाहिए चाहे भूरे के ढेर अर्थात कूड़े के ढेर पर बैठना पड़े क्योंकि पहली पंगत में ही सभी व्यंजन आते हैं बाद में नहीं। उन्होंने सर्वप्रथम पुण्य करने की बात कही।
संसार में परोपकार व कल्याण की भावना रखें तो सुखी जीवन रहेगा। सुखी बनने के लिए स्वयं के साथ दूसरों के कल्याण की भावना रखें। सत्संग ही जीवन में साथ देगा, संत समागम ही पाप से बचाएगा, महाराज श्री ने कहा धर्म ध्यान करना चाहिए। पाप करने से गरीबी व निर्धनता आएगी। ऐसा नहीं कि मुनि पहले मोक्ष जाएंगे और श्रावक बाद में, श्रावक अपने पुण्य कर्म से मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। महाराज श्री ने कहा कि छोटे दान करने से भी बड़ा पुण्य प्राप्त होता है और कभी-कभी छोटा पाप भी बड़े दुख का कारण बन सकता है। चांदखेडी के अध्यक्ष हुकम जैन काका ने बताया कि चन्द्रोदय तीर्थ क्षेत्र में मुनिसंघों के सानिध्य में चद्रोदय तीर्थ क्षेत्र की धरा धर्ममय हो गई है। हर क्षण भगवान की स्तुति से जीवन को सफल बनाने का श्रावक प्रयास कर रहा है। कमेटी के महामंत्री नरेश जैन वैद, कोषाध्यक्ष गोपाल जैन, अजय बाकलीवाल, महावीर जैन, प्रशांत जैन, कैलाश जैन भाल सहित कमेटी के सदस्यों सहित हर व्यक्ति चातुर्मास में अपनी आहुती दे रहा है। मुनि श्री के संघ में मुनि महासागर महाराज, मुनि निष्कंप सागर महाराज, क्षुल्लक गंभीर सागर और धैर्य सागर महाराज की उपस्थिति में जगत का कल्याण हो रहा है।
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