खुले नीले आसमान के नीचे सफेद झाग बनती उठती – गिरती समुंदर की लहरें, स्वच्छ नीली जल राशि के साथ भुरी रेत लिए गुजरात का शिवराजपुर बीच उस दिन हमारे सामने था। दूर तक पसरी रेत के एक और समुद्र हिलोरे ले रहा था तो दूसरे किनारे पर झोपडिय़ों में कुछ जलपान की दुकानों पर सैलानी खाने – पीने का लुत्फ ले रहे थे। ढलती शाम में घोड़ों और ऊंटों की सवारी का पर्यटक आंनद ले रखे थे तो इक्का – दुक्का पर्यटक रेत स्कूटर का मज़ा ले रहे थे।
इन सब गतिविधियों से अलग समुद्र की जल क्रीड़ाओं में अपनी ही मस्ती में मस्त थे साहसिक पर्यटक। क्या बच्चे क्या बड़े,क्या पुरुष क्या महिलाएं सभी वॉटर स्कूटर, बनाना बोट, बमफर राइडिंग, नौकायन आदि वॉटर स्पोर्ट्स की दुनिया में खोए आंनद की सरिता में गोते लगा रहे थे। बीच का पूरा माहौल पर्यटकों के आनंददायक क्षणों का साक्षी था। एक घटा केसे बीत गया पता ही नहीं चला। बीच पर पैरासेलिंग एवं स्कूबा डाइविंग भी कराई जाती है।
धीरे- धीरे शाम घहराने लगी और अस्ताचल को जाते भास्कर की रश्मियों ने समुद्र को इंद्रधनुषी कर दिया। अस्त होते सूर्य के पल – पल बदलते रंगों के बिम्ब को समुंदर के जल में देखना आश्चर्यजनक, चित्ताकर्षक और अविस्मरणीय था। धीरे – धीरे समुंदर के नीले पानी का यह सतरंगा संसार सूर्य के अस्त होने के साथ हलके अंधेरे के साथ फिर से पहले जैसा नज़र आने लगा। शीतल हवाएं तन – मन को बड़ी भली लग रही थी। अंधेरा होते – होते सैलानी लौटने लगे थे। आप जब जब भी द्वारका से भेंट द्वारका जाए तो लौटते समय इसी मार्ग के मध्य स्थित इस मनोरम बीच पर एक शाम बिताने का लुत्फ अवश्य उठाएं। द्वारका से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है सफेद बालू और नीले पानी के साथ यह समुद्री तट आपको भरपूर मनोरंजन प्र दान करने के साथ – साथ आपकी शाम को यादगार बना देगा, जिसे आप कभी न भूल पाएंगे।
गुजरात में इस मनोरम समुद्र बीच के साथ जामनगर जिले में कच्छ की खाड़ी के दक्षिण में स्थित मरीन राष्ट्रीय उद्यान के रोमानी संसार को देखने का भी अपना मज़ा है। वर्ष 1982 में स्थापित इस राष्ट्रीय उद्यान में समुन्द्रीय जल के भीतर विभिन्न दुर्लभ प्रजातियों के रंगीन जलीय जीवों के अद्भुत संसार को देखना अद्भुत है।
इस समुद्री उद्यान में 162.89 वर्ग किलोमीटर समुद्री राष्ट्रीय पार्क है तथा 457.92 वर्ग किलोमीटर में समुद्री सैंक्चुअरी स्थित है। कच्छ की खाड़ी के 42 द्वीपों के साथ बने इस उद्यान का प्रत्येक द्वीप अपनी खास संरचना एवं जलीय आकर्षण के लिए पहचान बनाता हैं। शानदार जलीय जीव जीवन को देखने के लिए सभी द्वीपों में पिस्टो न द्वीप सबसे लोकप्रिय है। उद्यान में वन विभाग की अनुमति प्राप्त कर केम्प का आनन्द भी लिया जा सकता है।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि क्यूबा आदि से समुद्र के अंदर जाए बिना समुद्र में पैदल चल कर जलीय जीवन को नजदीक से देख सकते हैं। मरीन उद्यान के समृद्ध जलीय जैव विविधता के इस संसार में खारे पानी के बड़े-बड़े मगरमच्छ, ऑलिव रिडले प्रजाति के समुद्री कछुए एवं अनेक समुद्री स्तनधारी जीव यहाँ देखने को मिलते हैं। यहां कोरल रीफ्स, मैंग्रोवेस, सी ग्रास बेड, मुदफ्लैट्स, नेटवर्क ऑफ क्रीक्स और अन्य इकोसिस्टम देखने को मिलते हैं, जो समुद्री जीवन और पक्षी जीवन को समृद्ध बनाते हैं। यहां ऑक्टोपस, पफर फिश, कछुए, लोबस्टर्स,, क्रेबस,डॉलफिन, रे फिश, जेली फिश,स्टार फिश, सी अनेमोन्स, रंगीन कोरल्स एवं एक्सोटिक मरीन फ्लोवेरिंग देखने का अवसर भी मिलता है।
नजदीक से समुद्री जीवों को देखने के लिये यह एक आदर्श स्थल है। यहाँ कई प्रकार के पक्षी भी रोमांचित करते हैं। मरीन पार्क और यहाँ की आबोहवा किसी जन्नत से कम नहीं है। मरीन राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ सैलानी यहां खिजादिया पक्षी अभयारण्य की रोमांचक सैर का आनंद ले सकते हैं। ताजे और खारे जलीय विशेषता के साथ यह पक्षी अभयारण्य एक आदर्श पर्यावरणीय वातावरण का निर्माण करता है। यहां देशी पक्षियों के साथ-साथ लगभग 300 प्रकार के प्रवासी पक्षी पाएं जाते हैं। पक्षी विहार के साथ यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त के शानदार दृश्य मन मोह लेते हैं।
(लेखक राजस्थान जनसंपर्क के सेवा निवृत्त अधिकारी हैं व स्वतंत्र लेखन करते हैं)