मुंबई। गुजरात के जूनागढ़ में संपन्न विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रन्यासी मंडल एवँ प्रबंध समिति की संयुक्त बैठक में मुंबई के जाने माने समाज सेवी व नैत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. श्याम अग्रवाल को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
नवनियुक्त कोषाध्यक्ष डॉ. श्याम अग्रवाल ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद देश और दुनिया भर में बसे हिंदुओं का एकमात्र विश्वव्यापी संगठन है जो संतों व महात्माओं के मार्गदर्शन में काम करता है। परिषद का उद्देश्य है, दुनिया भर के हिंदुओं में भाषा, क्षेत्र, मत, संप्रदाय और वर्ग के कारण उत्पन्न मतभेदों को मिटाकर उन्हें एकात्मता का अनुभव कराकर एक सुदृढ़ व अखंड समाज के रूप में जोड़ना है। परिषद् द्वारा हिंदू भाइयों में धर्म और संस्कृति के प्रति गौरव, निष्ठा और भक्ति की भावना जगीने की दिशा में भी लगातार कार्य किया जा रहा है। विहिप विश्व के सभी हिंदुओँ से संपर्क कर हिंदुओं के नैतिक व अध्यात्मिक जीवन मूल्यों को सुरक्षा प्रदान करने तथा उनका विकास और विस्तार करने के लिए कटिबध्द है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विहिप की बैठक का आयोजन वर्ष में एक बार जनवरी माह में होता है। इस विशेष बैठक में परिषद् के सभी केन्द्रीय व क्षेत्रीय अधिकारी तथा प्रांतो के अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष एवँ संगठन मंत्री शामिल होते हैं। इन बैठकों में परिषद् द्वारा चलाए जाने वाले विविध उपक्रमों की जानकारी तथा वर्तमान परिस्थितियों व आगामी कार्यक्रमों पर चिंतन किया जाता है।
इस वर्ष केन्द्रीय प्रन्यासी मंडल एवँ प्रबंध समिति की संयुक्त बैठक का आयोजन 24 से 26 दिसंबर 2021 को श्री स्वामी नारायण सुवर्ण मुख्य मंदिर, जवाहर रोड, जूनागढ़ (गुजरात) में किया गया था। इस बैठक में उद्घाटन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूज्य स्वामी श्री सद्गुरु कोठारी देवनंदन दास जी, पूज्य प्रेम स्वरूप प्रमुख स्वामी जी अखिल भारतीय साधु समाज के अध्यक्ष पूज्या स्वामी मुक्तानंद जी, विहिप के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. आरएन सिंह जी, महामंत्री श्री मिलिंद परांडे जी के साथ ही जर्मनी, थाईलैंड, बांग्लादेश, नेपाल के प्रतिनिधियों के साथ प्रमुख पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद् आज दुनिया के 40 से भी अधिक देशों में हिंदू समाज के लिए कार्य कर रहा है। विहिप ने देश -विदेश में अनेक सेवा प्रकल्प चलाए जा रहे हैं।इनके माध्यम से गौशाला, बालकाश्रम, महिलाश्रम, कैंसर व अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा, पाठशाला, बच्चों के लिए संस्कार केंद्र महिलाओँ व पुरुषों के लिए कौशल विकास तथा रोजगार प्रशिक्षण केन्द्र के संचालन के साथ ही विभिन्न सरकारी चिकित्सा केन्द्रों में बीमारों के लिए सहायता कक्ष भी बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि परिषद् द्वारा एक लाख एकल विद्यालय प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। जिनमें प्रशिक्षित शिक्षक दूर-दराज के गाँवों में जाकर वनवासी बच्चों को निःशुक्ल शिक्षा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही बच्चों को संस्कारित करने का कार्य भी किया जाता है। कुपोषण जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है।