सद्भावना,भाईचारे और एकता के सूत्र में बांधने वाले हमारे भारतीय पर्वों का सिरमौर इंद्रधनुषी रंगों का पर्व होली आंचलिक संस्कृति के साथ सदियों से दिलों पर राज कर रहा है। होली के आगमन की खुशी से ही मन मयूर हो जाता है। परमपराएं जीवंत हो उठती हैं। फागोत्सव की धूम से पूरा वातावरण भाव,भक्ति और प्रेम की सरिता में गोते लगा ता प्रतीत होता है। हमारे आंचलिक लोक गीतों की गूंज के साथ होली के धमाल में फिल्मी होली गीतों की रंगत का तो कहना ही क्या। गीतों में तन रंग लो जी आज मन रंग लो,होली आई रे,दिल में होली जल रही है,आओ रे आओ खेलो होली बिरज में,जोगी जी धीरे धीरे,मल के गुलाल मोहे आई होली आई रे,अपने रंग में रंग दे मुझको.हर रंग सच्चा रे सच्चा,लेटस प्ले होली,बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी जैसे कई गीतों की लोकप्रियता बरकरार है।
भारतीय एवं क्षेत्रीय फिल्मों ने एक से बढ़ कर एक यादगार होली गीत दिए जो दिलों को स्पंदित कर देते हैं। होली के फिल्मी गीतों की एक लम्बी श्रृंखला में रिकार्ड तोड़ गीत ” रंग बरसे भीगी चूनर वाली रंग बरसे ” और ” होली के दिन दिल मिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं” के बीच आज भी ग्रामीण परिवेश में फिल्माया गया मदर इंडिया फिल्म का गीत ” होली खेले रे कनाही ” लोगों की जुबान पर शिद्दत से अपना मुकाम बनाए हुए है।
अभिनेता अमिताभ बच्चन और रेखा पर संजीव कुमार के साथ फिल्माया गया फिल्म सिलसिला के होली गीत ” रंग बरसे ” ने तो लोकप्रियता के तमाम रिकार्ड तोड़ दिए। हर तरह से मस्ती से भरपूर और दिलकश अंदाज का यह गीत न जाने कितनी सदियों तक दिलों पर राज करेगा। इस गीत की धुन पर थिरकती रंग – अबीर से सरोबार मस्तानों की टोलियों देखने वालों को भी थिरकने को मजबूर के देती हैं।
इससे पहले फिल्म शोले के गीत ” होली के दिन ” ने भी अपना रिकार्ड बनाया जिसे धर्मेंद्र और हेमामालिनी पर दिल को छू लेने वाले अंदाज़ में फिल्माया गया। गीत की मिठास, मोहक नृत्य और रंग – अबीर के भव्य सेट लोग आज तक नहीं भूल पाए। फिल्म डर का गीत जिसे शाहरुख खान पर फिल्माया गया ” अंग से अंग लगाना, सजन हमें ऐसे रंग लगाना ” भी यादगार होली गीतों में जुड़ गया। ये चुनिदा होली गीत युवाओं के दिलों की धड़कन बन गए हैं और होली सेलिब्रेशन के लिए अपरिहार्य हो गए हैं।
सत्तर और अस्सी के दशक में तो फिल्मों में होली गीतों की अहमियत इतनी बढ़ गयी थी कि लगभग हर साल एक दो फिल्मों में होली गीत होते थे। फिल्म शोले का होली गीत जहां आज बड़े शौक से सुना जाता है वहीं सुनील दत्त, नरगिस दत्त, राजकुमार, राजेन्द्र कुमार और अभिनेत्री अजरा पर फिल्माया गया मदर इंडिया का गीत “होली आई रे कन्हाई ” आजभी दिलों पर राज कर रहा है। व्ही शांताराम की फिल्म नवरंग का “अरे जा रे हट नटखट न छू मेरा घूंघट” गीत उस दौर का फिल्माया गया बेहतरीन गीत आज भी बुजुर्गों का प्रिय गीत हैं। राजेश खन्ना और आशा पारेख पर फिल्माया गया फिल्म कटी पतंग का गीत “आज न छोड़ेंगे बस हमजोली खेलेंगे हम होली” हुडदंग वाले गीत की श्रेणी में आता है।
फागुन फिल्म में धर्मेन्द और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया “पिया संग होली खेलूं फागुन आयो रे” गीत का कर्णप्रिय संगीत आज तक लोगों को याद है। नदिया के पार फिल्म में ग्रामीण परिवेश में सचिन और नवोदित अभिनेत्री साधना सिंह पर फिल्माया गया गीत ” जोगी जी धीरे- धीरे ” को भी लोग भूले नहीं है। इसी दशक में आईं फिल्म आखिर क्यों में स्मिता पाटिल टीना मुनीम और राकेश रोशन पर फिल्माया गया गीत ” सात रंग में खेल रही हैं दिल वालों की टोली रे” और मशाल फिल्म का गीत” होली आई देखो होली आई रे ” भी खूब लोकप्रिय हुए।
इसके बाद फिल्मों में होली गीत बहुत कम देखने को मिलते हैं। वर्ष 2000 में फिल्म मोहब्बते में शाहरूख खान पर “सोनी सोनी अंखियों वाली” होली गीत फिल्माया गया जिसे युवाओं को आकर्षित किया। इसके बाद अमिताभ बच्चनऔर हेमामालीनी की प्रदर्शित फिल्म बागबान में भी “होली खेले रघुवीरा अवध में” बहुत ही आकर्षक रूप से फिल्माया गया। बेहद दिलकश और मनमोहक अंदाज में फिल्माया गया 2005 में आईं फिल्म वक्त का गीत “डू मी फेवर लेट्स प्ले होली”अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा पर फिल्माया आधुनिकता के रंगों में रंगा युवाओं की पसंद बना। फिल्मी गीतों के साथ – साथ बृज,भोजपुरी, राजस्थानी होली गीतों की एक लंबी सूची है आपके लिए। मनपसंद गीतों को चुनिए और अपने होली सेलिब्रेशन को बनाए यादगार।
( लेखक कोटा राजस्थान में स्वतंत्र पत्रकार हैं)
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