भुवनेश्वरः कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने 19मार्च को अपने नयापली किराये के मकान पर अपने स्व.पिताजी अनादिचरण सामंत का 53वां श्राद्धदिवस मनाया। गौरतलब है कि उनके पिताजी का 19मार्च,1969 में एक ट्रेन दुर्घटना में असामयिक निधन हो गया था जब वे मात्र चार साल के शिशु थे। श्राद्ध दिवस पर प्रोफेसर सामंत ने अपने ही होथों से अपने स्व.पिताजी की रुचि का स्वादिष्ट भोजन पकाया और अपने निवास के उत्तर दिशा में कौवों को खिलाया।
उन्होंने अपने स्वर्गीय पिताजी की रुचि का पान का बीड़ा भी उन्हें समर्पित किया। उन्होंने अवसर पर आमंत्रित ब्राह्मणों में पी.के महापात्र,अशोक पाण्डेय,सत्य कुमार मिश्रा,पण्डित ब्रजेंद्र दास,पं.निहार रंजन मिश्रा,पं.मानस रंजन दास,पं.दिलीप मिश्रा,पं.प्रताप पण्डा तथा अन्य पण्डितों को भोजन कराया तथा उन्हें यथोचित दान-दक्षिणा भेंट की। प्रोफेसर सामंत ने बताया कि उनके स्व.पिताजी एक सत्यनिष्ठ,सरल,नेक,परोपकारी तथा ईमानदार व्यक्ति थे। वे सबके दुख के साथी थे। उन्होंने अपनी नम आंखों से यह भी बताया कि उनके पिताजी जैसे अच्छे इंसान बहुत कम समय तक इस दुनिया में जिन्दा रहते हैं लेकिन वे अपने सद्कर्मों की छाप बाल संस्कार के रुप में अपनी संतान पर अवश्य छोड जाते हैं। आज स्व.अनादिचरण सामंत के सुपुत्र महान शिक्षाविद् ,आलोक पुरुषःप्रोफेसर अच्युत सामंत के पारदर्शीं व्यक्तित्व को दुनिया सलाम करती है।उन्हें अपना आदर्श मानती है।
प्रोफेसर अच्युत सामंत ने मनाया अपने स्व.पिताजी अनादिचरण सामंत का 53वां श्राद्धदिवस
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