स्वदेशी जागरण मंच डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड धोखाधड़ी वाली योजनायें चलाने वाली एमवे इंडिया कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय, वित्त मंत्रालय द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करता है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बहु-स्तरीय विपणन घोटाला करने की आरोपी एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की ₹757.77 करोड़ की संपत्ति कुर्क करना अभिनंदनीय है।
सच तो यह है कि भारत में और भी कई मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियां काम कर रही हैं। गौरतलब है कि ये मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियां कंपनियां बेगुनाह नागरिकों को अच्छी-खासी कमाई का लालच देकर लूट रही हैं। फिर एक सिलसिला शुरू होता है, जब इन कंपनियों के जाल में फंसने वाले अपने दोस्तों और परिचितों को लुभाने लगते हैं। ईडी की रिपोर्ट ने ठीक ही बताया है कि फर्म का ध्यान लोगों को अमीर बनने वाली योजनाओं के लिए साइन अप करने पर है, न कि उत्पाद बेचने पर।
ईडी के इस कदम का स्वागत करते हुए, स्वदेशी जागरण मंच जांच एजेंसियों से, ऐसी सभी संस्थाओं जो निर्दोष नागरिकों, आम तौर पर युवाओं को लालच देकर, उन्हें सपनों का धन दिखाकर लूटने का काम कर रही हैं, की जांच करने का आह्वान करता है, जो अपने उत्पादों को अत्यधिक कीमतों पर बेच रही हैं। हमारी माँग है कि दोषियों को उनके तार्किक निष्कर्ष पर ले ज़ाया जाए।
फेडरल ट्रेड कमिशन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट जिसमें 350 एमएलएम कंपनियों के बिजनेस मॉडल का अध्ययन किया गया था, बताया गया है कि एमएलएम बिजनेस में शामिल होने वाले 99% लोग पैसे खो देते हैं। यह पिरामिड विक्रेताओं के शीर्ष के लिए तो एक शानदार व्यवसाय मॉडल हो सकता है, लेकिन भोले-भाले लोगों के लिए यह आय के अवसर के बजाय एक निश्चित नुकसान का कारण बन रहा है। आज अवसर है कि मल्टी-लेवल मार्केटिंग की धोखाधड़ी प्रथाओं को मजबूती के साथ रोका जाए और एमएलएम कंपनियों के लिए नियामक ढांचा बनाया जाए।
डॉ अश्विनी महाजन
राष्ट्रीय सह संयोजक