मुंबई के चर्चित शीना बोरा मर्डर केस में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत मिल गई है। देश की सर्वोच्च अदालत ने इंद्राणी को यह जमानत मेडिकल ग्राउंड पर ग्रांट की है।
बता दें कि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में वह पिछले 6 साल से मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद थीं। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट और सत्र अदालत मुखर्जी की अलग-अलग 7 जमानत याचिकाएं खारिज कर चुका है।
सुनवाई के दौरान इंद्राणी मुखर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि आरोपी इंद्राणी धारा 437 के तहत विशेष छूट की हकदार हैं। इसके साथ ही वह पिछले कई साल से जेल में हैं, लेकिन पिछले 11 महीनों से सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई है।
जस्टिस एल नागेश्व राव, बीआर गवई और एएस बोपन्ना की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। बेंच ने इस मामले में जमानत देते हुए कहा कि हम मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन इस तथ्य को ध्यान में रखते हैं कि वह साढ़े छह साल से जेल में है और मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि इंद्राणी साढ़े छह साल पहले ही जेल में बीता चुकी हैं जबकि सह आरोपी जमानत पर बाहर है। यह मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इंद्राणी के पूर्व पति पीटर मुखर्जी पर लागू शर्तें इंद्राणी पर भी लागू होंगी। बता दें कि पीटर मुखर्जी भी इस केस में सब आरोपी हैं। जेल में रहने के दौरान उनका अपने पति पीटर मुखर्जी से तलाक भी हो चुका है।
मुंबई पुलिस ने 25 अगस्त 2015 अपनी बेटी शीना की हत्या के आरोप में मुखर्जी को गिरफ्तार किया था।
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