Saturday, November 23, 2024
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डच फिल्म ‘टर्न योर बॉडी टू द सन’ ने जीता मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2022 में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र के लिए स्वर्ण शंख पुरस्कार

मलयाली फिल्म ‘साक्षात्कारम’ और फिरोज़ी भाषा की फिल्म ‘ब्रदर टोल’ ने सर्वश्रेष्ठ लघु कथा के लिए रजत शंख साझा किया

पोलैंड की फिल्म ‘प्रिंस इन ए पेस्ट्री शॉप’ ने एनिमेशन श्रेणी में रजत शंख जीता

एक सोवियत युद्ध कैदी की अविश्वसनीय कहानी बताने वाली डच डॉक्यूमेंट्री फिल्म “टर्न योर बॉडी टू द सन” ने मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2022 में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फिल्म के लिए प्रतिष्ठित स्वर्ण शंख पुरस्कार जीता है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने आज शाम सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री एल मुरुगन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में मुंबई के नेहरू सेंटर में आयोजित समापन समारोह में वृत्तचित्र, लघु कथा और एनिमेशन फिल्मों के लिए मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के शीर्ष पुरस्कार प्रदान किये। इस पुरस्कार में एक स्वर्ण शंख, एक प्रमाण पत्र और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।

अलियोना वैन डेर होर्स्ट द्वारा निर्देशित, ‘टर्न योर बॉडी टू द सन’ तातार वंश के एक सोवियत सैनिक की अविश्वसनीय जीवन कहानी को प्रकाश में लाती है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों ने पकड़ लिया था। उसकी डायरी के साथ-साथ विभिन्न व्यक्तिगत और सार्वजनिक अभिलेखों और रजिस्टरों के माध्यम से, उसकी बेटी सना अपने पिता के जीवन के बारे में पता लगाने का प्रयास करती है ताकि वह यह समझ सके कि जिसे वह एक बच्चे के रूप में जानती थी वह व्यक्ति क्या था।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की जूरी का कहना है कि फिल्म निर्माता ने द्वितीय विश्व युद्ध की व्यक्तिगत कहानियों को इस तरह से फिर रचा है कि वह दर्शकों के विचार सोचने को मजबूर करता है। जूरी ने कहा कि अभिलेखीय सामग्री का अभिनव उपयोग बहुत संवेदनशील है और उसका सिनेमाई ट्रीटमेंट सर्वोत्कृष्ट है।

भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, पनामा, दक्षिण कोरिया और यूके की 18 वृत्तचित्र फिल्में मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2022 के अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में थीं।
सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट-फिक्शन: ‘साक्षात्कारम’ (मलयालम) और ‘ब्रदर टोल’

शॉर्ट फिक्शन श्रेणी में, मलयाली फिल्म ‘साक्षात्कारम’ ने डेनमार्क के फरो आइलैंड्स के गुडमुंड हेल्म्सल की फिल्म ‘ब्रदर टोल’ के साथ रजत शंख पुरस्कार का साझा किया।

सुदेश बालन की ‘साक्षात्कारम’ (मलयालम) दर्शकों को अपनी प्यारी पत्नी की मृत्यु का शोक मनाने वाले एक व्यक्ति के आंतरिक संघर्ष और मोक्ष की खोज की यात्रा में ले जाने के लिए प्रेरित करती है। यह एक बहुत ही मार्मिक और भावनात्मक कहानी जो धार्मिक सरहदों को पार करके मानवता को मजबूत करती है जिसके लिए फिल्म को सर्वश्रेष्ठ लघु-फिक्शन फिल्म का पुरस्कार मिला है। फिल्म निर्माता सुदेश बालन आईआईटी बॉम्बे में आईडीएस स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन में संचार डिज़ाइन संकाय के सदस्य हैं। वे इसके वे पूर्व छात्र भी हैं।

फिरोज़ी भाषा की फिल्म ‘ब्रदर टोल’ अपने बड़े भाई के अचानक चले जाने के बाद अपने नाजुक रिश्ते को बचाने के लिए दो भाइयों के संघर्ष को दर्शाती है।

सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म: ‘प्रिंस इन ए पेस्ट्री शॉप’ (पोलैंड)

पोलिश फिल्म निर्माता कटारज़ीना एगोप्सोविच द्वारा निर्देशित ‘प्रिंस इन ए पेस्ट्री शॉप’ ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म के लिए रजत शंख जीता। ‘प्रिंस इन ए पेस्ट्री शॉप’ आनंद के बारे में एक हास्य कहानी है। यह एक दार्शनिक दृष्टांत है जिसमें एक युगल एक कैफे में केक खा रहा है। यह दृष्टांत न मिलने वाले आनंद के मायावी मुद्दों को छूता है जो प्रत्येक के दिल के करीब है।

‘क्लोज्ड टू द लाइट’ इतालवी फिल्म निर्माता निकोला पिओवेसन द्वारा निर्देशित और निर्मित फिल्म है जिसने इस समारोह में ‘प्रमोद पति – मोस्ट इनोवेटिव / एक्सपेरिमेंटल फिल्म’ का पुरस्कार जीता। निकोला पिओवेसन को एक ट्रॉफी और प्रमाण पत्र के साथ 1,00,000 रुपये नकद पुरस्कार मिलेगा।

मधुलिका जलाली की ‘घर का पता’ और अभुयदया खेतान के फिल्म डिवीजन द्वारा निर्मित ‘हू सेज़ द लेप्चा आर वैनिशिंग?’ ने अंतर्राष्ट्रीय जूरी का विशेष उल्लेख पाया।

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2022 की अंतर्राष्ट्रीय जूरी में जाने-माने वन्यजीव फिल्म निर्माता एस नल्लामुथु, ईरानी मूल की फ्रांसीसी वृत्तचित्र फिल्म निर्माता मीना रेड, फ्रांसीसी फिल्म निर्माता जीन पियरे सायर, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता पत्रकार और लेखक अनंत विजय और इजरायली फिल्म निर्माता डैन वोलमैन शामिल थे।

भाग II: राष्ट्रीय प्रतियोगिता पुरस्कार

ओजस्वी शर्मा द्वारा निर्देशित ‘एडमिटेड’ ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फिल्म (60 मिनट से अधिक) के लिए रजत शंख पुरस्कार जीता। ‘एडमिटेड’ पंजाब विश्वविद्यालय के पहले ट्रांसजेंडर छात्र धनंजय चौहान के विवादास्पद जीवन पर एक वृत्तचित्र है। जूरी ने फिल्म के दमदार और बहादुर मुख्य किरदार पर विशेष ध्यान दिया है।

असमिया निर्देशक एमी बरुआ द्वारा निर्देशित और माला बरुआ द्वारा निर्मित ‘स्क्रीमिंग बटरफ्लाइज़’ ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फिल्म (60 मिनट से कम) के लिए रजत शंख का पुरस्कार जीता। जूरी ने उल्लेख किया है कि यह पुरस्कार ‘ स्क्रीमिंग बटरफ्लाइज़’ को अंतर-धार्मिक विवाह के पीड़ितों द्वारा अपनी कहानियों के बेहिचक वर्णन के लिए दिया जाता है, जो अपने क्रूर उत्पीड़न का दस्तावेजीकरण करने के लिए बहादुरी से आगे आए हैं।

सृष्टिपाल सिंह द्वारा निर्देशित ‘गेरू पात्र’ ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में ‘सर्वश्रेष्ठ लघु कथा फिल्म’ (45 मिनट तक) के लिए रजत शंख जीता। फिल्म एक स्ट्रीट टाइपिस्ट के जीवन पर है, जो एक राजनीतिक जाल में फंस जाता है, जब एक रहस्यमय महिला के लिए उसके द्वारा टाइप किया गया एक पत्र एक स्थानीय अखबार में पहुंच जाता है।

अदिति कृष्णदास द्वारा निर्देशित ‘कांदित्तुंडु (सीन इट)’ को केरल की काल्पनिक लोककथाओं पर सहज हास्य के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म का रजत शंख से सम्मानित किया गया है।

सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक के लिए ‘दादा साहब फाल्के चित्रनगरी पुरस्कार’

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2022 में सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक के लिए ‘दादासाहेब फाल्के चित्रनगरी पुरस्कार’ बिमल पोद्दार को उनकी फिल्म ‘राधा’ के लिए दिया गया है। कोलकाता की पृष्टभूमि में काही गई कहानी ‘राधा’, एक बुजुर्ग महिला के एक युवा लड़के के साथ उसके उस रिश्ते के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे उसने अपने पूरे दिल से पाला है।

सर्वश्रेष्ठ छात्र फिल्म के लिए आईडीपीए पुरस्कार

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2022 में सर्वश्रेष्ठ छात्र फिल्म के लिए आईडीपीए पुरस्कार ऋषि भौमिक द्वारा निर्देशित बंगाली फिल्म ‘मेघा’ को दिया गया है। यह फिल्म एक छोटी लड़की की कहानी कहती है जिसके पास एक भयानक रहस्य है जो धीरे-धीरे यथार्थ के अनुभव को विकृत कर देता है।

जूरी का कहना है कि यह पुरस्कार एक ऐसे गंभीर विषय से निपटने के लिए एनीमेशन के दुर्लभ उपयोग के लिए है, जिसकी शायद ही कभी पारिवारिक समूहों में बात की जाती है। और रंगों का बेजोड़ उपयोग इस विषय की मार्मिकता को बढ़ाता है और रेखांकित करता है। पुरस्कार में एक ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि शामिल है।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता संजीत नार्वेकर की अध्यक्षता में मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2022 की राष्ट्रीय जूरी में प्रख्यात फिल्म निर्माता तारिक अहमद, थिएटर कलाकार जयश्री भट्टाचार्य, पत्रकार और श्रीलंका के फिल्म समीक्षक एशले रत्नविभूषण और अनुभवी फिल्म संपादक सुभाष सहगल भी शामिल थे।

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