मुंबई। नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली की प्रेरणा से प्रकाशित ‘देवनागरी लिपि : तब से अब तक’ पुस्तक के लेखक डॉ. प्रभु चौधरी राष्ट्रीय महासचिव उज्जैन को भारतीय भाषा परिषद मुम्बई के प्रकाशक मण्डल ने मराठा मंदिर मुम्बई में आयोजित पुस्तक के मराठी संस्करण के लोकार्पण समारोह में सम्मानित किया । साथ ही पुस्तक का मराठी संस्करण अनुवादक श्रीमती सुवर्णा जाधव को भी सम्मानित किया ।
उल्लेखनीय यह है कि लेखक डॉ. प्रभु चौधरी की पुस्तक देवनागरी लिपि की उत्पत्ति, विकास, राष्ट्रीयता से विश्वलिपि की राह पर समीक्षात्मक लेख, नागरी लिपि की वैज्ञानिकता, नागरी लिपि की शक्ति एवं सीमाएं, दक्षिण भारत में प्राचीनकाल से वर्तमान तक नागर लिपि देवनागरी लिपि के गुण एवं विशेषताएं, सार्वदेशिक लिपि देवनागरी, देवनागरी की सार्वभौतिमकता, भारत की सांस्कृतिक एकता के मूल लिपियां रोमन बनाम नागरी लिपि, नागरी लिपि सामर्थ्य और संभावनाएं, देवनागरी लिपि एवं भारतीय भाषाएं आदि अनेक विषयो पर लेख प्रकाशित है। समारोह की अध्यखता श्री बृजकिशोर शर्मा अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं मुख्य अतिथि डॉ. मनोहरलाल आर्य, विशिष्ट अतिथि श्री संजीवकुमार निगम रहे । संचालन डॉ बालासाहेब तोरस्कर ने एवं आभार सुवर्णा जाधव ने माना