समिति को गृह मंत्रालय द्वारा जो जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं उसे समिति तभी प्रभावी ढंग से पूरा कर सकती है यदि सभी सदस्य कार्यालय अपना पूर्ण सहयोग समिति कार्यालय को प्रदान करें। राजभाषा नियमों के अनुसार सभी सदस्य कार्यालयों के प्रमुखों के लिए इस बैठक में शामिल होना अनिवार्य है ताकि सार्थक और नीतिगत निर्णय लिए जा सकें और उनका अनुपालन भी सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आप सभी ने पिछले माह सितम्बर में हिंदी दिवस के अवसर पर अपने-अपने कार्यालयों में राजभाषा के कार्यों को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए होंगे। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि सभी पूरे वर्ष सभी मदों में मूल रूप से हिंदी में कार्यों को करना सुनिश्चित करें।
बैठक के प्रारंभ में पश्चिम रेलवे के मुख्य राजभाषा अधिकारी डॉ. छत्र सिंह आनंद ने अध्यक्ष एवं सभी सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वास्तव में किसी भी समाज, राष्ट्र और सभ्यता की पहचान उसकी अपनी भाषा से होती है। हिंदी भारत की विभिन्न संस्कृतियों, कलाओं, भाषाओं, विधाओं और सम्प्रदायों को एक कड़ी में जोड़ती है। हिंदी ने स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में भी देशवासियों में राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और आज भी संपर्क भाषा के रुप में आम जनता के आपसी विचारों के आदान-प्रदान में विशेष योगदान दे रही है। हिंदी एक सरल, समृद्ध और सशक्त भाषा है इसलिए इसे संविधान में मान्यता प्रदान की गई है।
बैठक में मुंबई स्थित केन्द्र सरकार के कार्यालयों में अप्रैल-2022 से सितम्बर-2022 के दौरान राजभाषा कार्यान्वयन में हुई प्रगति पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में समिति के सभी सदस्य कार्यालयों में अप्रैल-2022 से सितम्बर-2022 के दौरान राजभाषा कार्यान्वयन में हुई प्रगति संबंधी आंकड़ों को समिति के सदस्य सचिव डॉ. सुशील कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया और राजभाषा कार्यान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा की गई और कार्यालयों में राजभाषा को लागू करने के लिए कई सार्थक एवं नीतिगत निर्णय लिए गए।
बैठक में मध्य रेल, भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास संस्थान, आयकर विभाग, रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (नौसेना), क्षेत्रीय मौसम विभाग, कर्मचारी राज्य बीमा आयोग, परमाणु ऊर्जा विभाग, फिल्म प्रभाग, केन्द्रीय विद्यालय आदि केन्द्र सरकार के कार्यालयों के विभागाध्यक्ष एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।