Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeभारत गौरवकीस अभिभावक महाकुम्भ में एक लाख आदिवासी अभिभावकों ने हिस्सा लिया

कीस अभिभावक महाकुम्भ में एक लाख आदिवासी अभिभावकों ने हिस्सा लिया


भुवनेश्वर। यहाँ स्थित विश्व के सबसे बडे आदिवासी आवासीय विद्यालय कीस का आज दिनांकः22जनवरी को अभिभावक सम्मेलन था जिस महाकुम्भ में लगभग एक लाख आदिवासी अभिभावकों ने हिस्सा लिया। अभिभावकों में कीस के लगभग तीस हजार आदिवासी बच्चों के माता-पिता और अभिभावक शिरकत किये। जिसमें ओडिशा के कुल 30 जिलों के 60,000 माता-पिता,कीस के पुराने छात्र और लगभग 30,000 छात्रों के साथ-साथ कुल लगभग 100,000 लोग एक साथ इस अभिभावकों के महाकुम्भ में उपस्थित थे।उनके कीस परिसर में ठहरने से लेकर खाने तक सब कुछ की व्यवस्था कीस प्रबंधन की ओर से किया गया था।

default

अभिभावकों ने अपने-अपने पालकों के सर्वांगीण विकास हेतु अपने-अपने विचार रखे।अपने संबोधन में कीट-कीस के प्राणँप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो. अच्युत सामंत ने बताया कि यह उनके साथ-साथ कीस-कीट शैक्षिक समूह के साथ-साथ पूरे ओडिशा के लिए गर्व और गौरव की बात है कि एक ही छत के नीचे कुल लगभग तीस हजार बच्चे एकसाथ रहते हैं तथा उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं।प्रो. सामंत के अनुसार कीस आदिवासी बच्चों के उनके घर से दूर अपना घर है जिनके सर्वांगीण विकास के लिए लिए वे संकल्पित हैं। अभिभावकों ने खुशी व्यक्त की और कीस के प्राणप्रतिष्ठाता प्रो. अच्युत सामंत के प्रयासों की उन्मुक्त कण्ठ से सराहना की।

अभिभावकों ने कहा, एक आदमी 25 साल का है जैसे-जैसे वह बड़ा होता है उन्होंने आदिवासी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सोचा है और उसे कार्यरुप में परिणित किया है। यह विलक्षण व्यक्तित्व दूरदर्शी है और बड़े साहस के साथ कीस जैसी संस्था की स्थापना कर आदिवासी बच्चों को विकास की मुख्य धारा में लाने में सक्षम हुआ है। प्रो.अच्य़ुत सामंत ने कीस को एक सफल संस्था खोली है और उनका कहना है कि कीस में पढ़ने वाले हर बच्चे को सफल इंसान बनाया गया है । गौरतलब है कि पिछले 30 वर्षों में प्रो. सामंत के सामना कई बाधाओं से हुई लेकिन प्रो. अच्युत सामंत न डिगे और न रुके। स्वयं को आदिवासी बच्चों की सेवा में लगा दिया है। कीस आज पिछले लगभग 30 साल में उस मुकाम पर पहुंच गया है जो विश्व की सबसे बडी आदिवासी आवासीय सफल संस्थान बन चुकी है।

कीस से लगभग 30000 छात्र पहले ही पास आउट हो चुके हैं, अब 30000 छात्र यहां और कीस के विभिन्न शाखा परिसरों 10 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। ओडिशा के आदिवासी अभिभावकों ने प्रो.अच्युत सामंत को उनके समर्पित जीवन के लिए हार्दिक आभार जताया।अभिभावक महाकुम्भ में आदिवासी बच्चों के माता-पिता इस बात से खुश थे उनके बच्चे कैसे बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने में सक्षम हैं। कीस और कीट के प्राणप्रतिष्ठाता प्रो. अच्युत सामंत ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब कीस 30 साल का हो गया है तो इसे पूरे विश्व में एकमात्र आदिवासी डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

इस अवसर पर प्रो. अच्युत सामंत ने कहा कि कीस आज पूरे आदिवासी समुदाय के भीतर एक आंदोलन बन गया है। इस मौके पर उन्होंने सभी अभिभावकों और खासकर आदिवासी अभिभावकों से भविष्य में भी सहयोग करने की अपेक्षा की। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण सामूहिक भोज था। आज एक लाख लोगों ने एक साथ भोज में शामिल हुए और एक अनोखा माहौल बनाया। इस अवसर पर कीस-कीट की अध्यक्षा शाश्वती बल, ,कीट-कीस के सचिव आर. एन दास, कीस के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ. पी के राउतराय और राज्यसभा सांसद व पश्चिम ओडिशा आदिवासी परिषद के महासचिव निरंजन बिशी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार