Tuesday, November 26, 2024
spot_img
Homeविशेषसाहित्य साधना के लिए श्यामा शर्मा का सम्मान

साहित्य साधना के लिए श्यामा शर्मा का सम्मान

कोटा। हिंदी और राजस्थानी साहित्य की साहित्यकार श्रीमती श्यामा शर्मा का मंगलवार 30 मई को कोटा में आयोजित एक कार्यक्रम में  भारत विकास परिषद अहिल्या शाखा कोटा द्वारा सम्मान किया गया। उनकी साहित्य साधना और सक्रियता के लिए महामंडलेश्वर साध्वी हेमा सरस्वती ने मुख्य अथिति के रूप में उनका सम्मान किया।
 साहित्यकार श्यामा शर्मा की अब तक छप्यौडी पोथ्यां— राजस्थानी- राजस्थानी लोक कथावां ( हाड़ौती अंचल) और हिन्दी– हाड़ौती अंचल की रोचक लोक कथाएं ( लोक साहित्य), कोई गीत सुनाओ ना( बाल काव्य), जितेन्द्र निर्मोही का राजस्थानी बाल काव्य”जंगळी जीवां की पछाण” को हिंदी में अनुवाद” वन्य जीवों की पहचान”, चिड़िया रानी आओ ना (बाल काव्य) कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं । साहित्य की गतिविधियों में हिन्दी अर राजस्थानी की चावी ठावी पत्र पत्रिकावां में प्रकासन, आकाशवाणी कोटा सूं प्रसारण, महिला संगठन अर अकादमियां की आडी सूं आयोजित आयोजन में लगोलग भागीदारी रही है और निरंतर सक्रिय हैं। आप आर्यन महिला लेखिका मंच कोटा को जिसकी वो सक्रिय सदस्य हैं।
आपको समय – समय पर विश्व वाणी संस्थान जबलपुर , कर्मयोगी सेवा संस्थान कोटा की आडी सूं बाल कवयित्री सम्मान प्रजापति ब्रह्मा कुमारी शाखा सूं साहित्य सम्मान, उत्कर्ष युवा साहित्य मंच नई दिल्ली की आडी सूं सुभद्रा कुमारी चौहान बाल साहित्यकार सम्मान, साहित्य मंडल नाथद्वारा की आडी सूं राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मान एवम् मधुकर काव्य सृजन संस्था कोटा सूं सम्मान से नवाजा गया है।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार