उज्जैन में 12 साल की लड़की अर्धनग्न और लहूलुहान अवस्था में घूमती रही और काफी देर तक उसकी मदद को कोई नहीं आया… इसके बाद एक गुरुकुल आश्रम के पुजारी और आचार्य राहुल शर्मा ने इस बेटी की मदद की… आचार्य राहुल शर्मा ने आजतक को जो बताया है वो हृदय विदारक है, ”मुझे कहीं इमरजेंसी में गुरुकुल से बाहर जाना था. इसी दौरान मैंने देखा कि एक बदहवास बालिका इसी मार्ग से बड़नगर क्षेत्र की ओर पैदल जा रही थी. मैंने देखा बालिका के पांव पूरी तरह वस्त्र विहीन थे. ऊपर उसने छोटा-सा वस्त्र धारण कर रखा था. जिसे बार-बार खींचकर वह अपने शरीर को ढकने का प्रयास कर रही थी. मैंने उसे अपना तुरंत ऊपरी वस्त्र दे दिया. जिससे उसने अपने शरीर को ढका और फिर उसके बाद मेरे आश्रम में स्वल्पाहार करवाया. मैंने बच्ची से पूछा, भूख लग रही है? उसने मुझे हां का एहसास कराया. मैंने उसे आश्रम से लेकर नाश्ता और चाय दी. उसे जितना लगा, उतना उसने खाया. मैं उसे बार-बार पूछने का प्रयास किया कि तुम्हारा नाम क्या है? तुम कहां से आई हो? कहां की रहने वाली हो? या किस समय से उज्जैन में हो? तुम्हारे माता-पिता का कोई नाम नंबर याद हो तो वह मुझे बताओ. तुम यहां पर बिल्कुल सुरक्षित हो. किसी प्रकार का कोई भय नहीं है. मैंने बार-बार उसे विश्वास दिलाया. 10-20 मिनट होने के बाद वह मुझे कुछ बात तो नहीं पाई. कुछ बोल रही थी. हो सकता है कि उसकी भाषा मैं समझ नहीं पा रहा था. मैंने उसे पेन और कॉपी भी दी कि तुम इस पर कुछ लिखकर बताओ. जब वह कुछ नहीं लिख पाई तो मैंने तुरंत 100 नंबर पर डायल किया. दो से तीन बार मेरा कॉल कट किया गया. उसके पश्चात मैंने महाकाल मंदिर के कुछ प्रशासनिक लोगों को कॉल किया. उन्होंने मुझे महाकाल थाने के नंबर दिए. मैंने वहां पर शिकायत दर्ज कराई. उसके बाद एफआईआर दर्ज कराई गई. मैंने बच्ची को पुलिस के हवाले किया ताकि वह सुरक्षित हाथों में चली जाए. मुझे कहीं इमरजेंसी मीटिंग में जाना था. लेकिन इसके बावजूद अपने सारे कार्यों को मैंने स्थगित करके अपनी नजर के सामने पीड़िता को पुलिस को सौंपा.”
उज्जैन में हैवानियत की शिकार बच्ची को बचाने वाले आचार्य राहुल शर्मा
एक निवेदन
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