उदयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की घोषणा अनुसार राजस्थान सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अंतर्गत जोधपुर में ‘राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी’ का गठन किया गया है। पूर्व डीन – (कला संकाय) जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, (जोधपुर) के डॉ. धर्मचंद जैन को इस अकादमी का प्रथम अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। उल्लेखनीय है कि देश की प्रतिष्ठित हिंदी मासिक पत्रिका जिनवाणी के प्रधान संपादक भी डॉ. धर्मचंद जैन है।
प्राकृत मनीषी डॉ. दिलीप धींग ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के उप शासन सचिव नवीन यादव द्वारा दिनांक 5 अक्टूबर को हुए जारी आदेश के अनुसार अकादमी में अध्यक्ष के अतिरिक्त चार साधारण सभा के सदस्य नियुक्त किए, जिनमें डॉ. प्रेम सुमन जैन, डॉ. जिनेन्द्र कुमार जैन, डॉ. तारा डागा और डॉ. शीतलचंद जैन को मनोनीत किया गया है। श्रमण डॉ. पुष्पेंद्र के अनुसार प्राकृत अकादमी बनाने वाला राजस्थान देश का प्रथम राज्य बन गया है, अकादमी के अंतर्गत प्राकृत एवं जैन भाषा के साहित्य का संरक्षण, संवर्धन तथा अभिवृद्धि के लिए अनेक कार्य किए जाएंगे। जिनमें उच्च स्तरीय ग्रन्थों, पाण्डुलिपियों, साहित्य कोष, शब्दावली एवं ग्रन्थ की निर्देशिका तैयार करना, प्राकृत भाषा का भारतीय भाषाओं में अनुवाद करना, साहित्य सम्मेलन, विचार-गोष्ठियां, परिसंवाद, कवि सम्मेलन, भाषण मालाएं, शिविर, प्रदर्शनियां एवं प्रचार-प्रसार संबंधी समस्त गतिविधियां आयोजित करना, साहित्यकारों को उनकी उत्कृष्ट रचनाओं के लिए सम्मानित करना आदि कार्य शामिल हैं।
राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी’ की नियुक्तियां करने पर सकल जैन समाज, प्राकृत प्रेमियों और प्राच्यविद्या प्रेमियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
– डॉ. दिलीप धींग