पिछले कुछ समय से भारत सहित, पूरे विश्व में इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हालांकि हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बंध में कोई प्रक्रिया तय नहीं की गई है और न ही सरकारी तौर पर इस सम्बंध में कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, परंतु फिर भी भारत में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य विभिन्न संस्थानों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है एवं कई विनिर्माण इकाईयों से भारी भरकम राशि हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में वसूली जा रही है। साथ ही, विनिर्माण इकाईयों पर भी दबाव बनाया जाता है कि वे अपने संस्थानों में इस्लाम मजहब के अनुयायियों की नियुक्ति करें। अब यह भी समझ से परे है कि फैशन, सौंदर्य साधनों, किराने के सामान, सब्जियों, वित्तीय सुविधाओं एवं ढाबे आदि जैसी गतिविधियों को हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र किस प्रकार प्रदान किया जा सकता है? इसी संदर्भ में अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट ने हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बंध में जांच के आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल शब्द बहुत महत्व भरा शब्द है। हलाल का आश्य यह बताया जाता है कि मुस्लिम मतावलंबियों के लिए जो वस्तु वैद्य है वह हलाल है और जो वैध नहीं है वह हराम है। ऐसा भी बताया जाता है कि प्रारम्भ में इस्लाम-कुरान में खाने की वस्तुओं, विशेष रूप से मांसाहार, के साथ हलाल शब्द को जोड़ा गया था अर्थात किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हलाल है एवं किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हराम है। परंतु, अब तो हलाल को दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के साथ जोड़ दिया गया है। जैसे हलाल मांस, हलाल फैशन एवं सौंदर्य के साधन, हलाल किराने का सामान, हलाल सब्जियां, हलाल वित्तीय सुविधाएं, हलाल ढाबे, आदि आदि।
कई इस्लामी देशों ने यह तय कर लिया है कि उनके नागरिक केवल हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थों एवं अन्य सुविधाओं का उपयोग करेंगे एवं इन देशों ने हलाल प्रमाणन को कानूनी रूप दे दिया है। कोई उत्पाद हलाल प्रमाणित है इसके लिए बाकायदा विशेष संस्थाओं का गठन किया गया है जो कि हलाल प्रमाणन का प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम है एवं उस प्रमाणन के आधार पर ही सम्बंधित उत्पाद बाजार में बेचा जा सकता है। इन मुस्लिम मजहब बहुल देशों में विदेशों से आयात किए जाने उत्पादों को भी हलाल प्रमाणन के लिए प्रमाण पत्र सबंधित संस्थानों से लेना आवश्यक होता है ताकि ये कम्पनियां अपने उत्पादों को इन इस्लामी देशों को निर्यात कर सकें। चूंकि पूरे विश्व में 50 से अधिक इस्लामी देश हैं, एवं मुस्लिम मजहब को मानने वाली बहुत बड़ी आबादी इन देशों में निवास करती है अतः गैर इस्लामी देशों की कम्पनियों को भी हलाल प्रमाणित उत्पाद ही इन देशों को भेजने होते हैं।
वैसे तो हलाल प्रमाणित वस्तुओं का चलन इस्लामी देशों में बहुत लम्बे समय से चला आ रहा है। परंतु हाल